नई दिल्ली: जोशीमठ में जमीन धंसने को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग लेकर अब सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. नेता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर जनहित याचिका में जोशीमठ के निवासियों को वित्तीय सहायता और मुआवजे देने के लिए अनुरोध किया गया है.
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर जनहित याचिका में खासतौर से इस मामले को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.
सोमवार को इस मामले को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष मेंशन किया गया. मेंशन करने पर सीजेआई ने इसे मंगलवार को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए है. सीजेआई ने इसे मेंशन लिस्ट में सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए है.
पिछले कुछ दिनों में जोशीमठ में कई घरों और सड़कों में दरार पड़ने और लगातार भूमि धंसने के मद्देनजर 'सिंकिंग जोन' घोषित किया गया है. डूबते क्षेत्र में क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंचाया गया है.
इसी मामले को लेकर पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक जनहित याचिका दायर हो चुकी है. एडवोकेट रोहित डांडरियाल की ओर से दायर की गई याचिका में जोशीमठ मामले के लिए हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में हाई पॉवर कमेटी गठित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई थी.
याचिका में उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के लोगों की दुर्दशा पर संज्ञान लेने और नागरिकों को एक सम्मानित और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया.