बीते पांच जनवरी 2025 के दिन सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सीटी रविकुमार सेवानिवृत हुए. उनके जाने से सुप्रीम कोर्ट में हुई रिक्ति को भरने के लिए सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन को शीर्ष अदालत के जज के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है. साथ ही कॉलेजियम ने कल बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है. बताते चलें कि अगर केंद्र सरकार कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देती है, तो सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की संख्या दोबारा से 33 हो जाएगी. वहीं सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है.
पांच जजों की कॉलेजियम में चीफ जस्टिस के अलावा न्यायमूर्ति बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस अभय एस ओका शामिल हैं. कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है कि जस्टिस चंद्रन हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की संयुक्त अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 13वें स्थान पर हैं. कॉलेजियम ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि जस्टिस चंद्रन पिछले 11 साल से अधिक समय तक हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में और एक साल से अधिक समय तक एक बड़े हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, जस्टिस चंद्रन ने कानून के विविध क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव है.
इसी दौरान कॉलेजियम के एक अन्य प्रस्ताव में बम्बई हाईकोर्ट के जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिल्ली हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की सिफारिश की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस मनमोहन को शीर्ष अदालत में पदोन्नत किये जाने के बाद न्यायमूर्ति विभु बाखरू इस अदालत के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य कर रहे हैं. कॉलेजियम ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे को बम्बई उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की भी सिफारिश की है. कॉलेजियम ने गौहाटी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश- न्यायमूर्ति कर्दक एटे और न्यायमूर्ति मृदुल कुमार कलिता- को उसी अदालत में स्थायी नियुक्ति दिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.