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तेंदुए की दहशत-सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने पर Ghaziabad Bar Association ने दी अ​निश्चित कालीन हड़ताल की चेतावनी

गाजियाबाद कोर्ट परिसर में 8 फरवरी को एक तेंदुआ कोर्ट में घुस आया था और कम से कम तीन लोगों को घायल कर दिया था. जानवर को देखकर वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई और वकीलों ने खुद को कमरों में बंद कर लिया था.

Written by Nizam Kantaliya |Published : February 17, 2023 6:15 AM IST

नई दिल्ली: गाजियाबाद कोर्ट परिसर में तेंदुए द्वारा कर्मचारियों के घायल करने के बाद दूसरी बार प्रवेश करने और प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नही करने से बार एसोसिएशन के अधिवक्ता खासे नाराज है.

गाजियाबार बार एसोसिएशन ने जिला प्रशासन पर मामले को सही तरीके से हैंडल नहीं करने का आरोप लगाया है. बार एसोसिएशन अब प्रशासन के रवैये को देखते हुए सुरक्षा पुख्ता इंतजाम नहीं करने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है.

बार एसोसिएशन की चेतावनी

My-Lord टीम से बात करते हुए गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव नितीन यादव ने कहा कि कोर्ट परिसर में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक लोगो की आवाजाही रहती है. पहले 8 फरवरी को कोर्ट परिसर में तेंदुआ घुस आया था और उसने कई कर्मचारियों को घायल कर दिया था.

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गुरूवार को एक बार फिर से तेंदुआ कोर्ट परिसर में आने के बाद हमने प्रशासन से सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई है.

यादव ने कहा कि हमने जिला अधिकारी और पुलिस कमिश्नर को प्रतिवेदन दिया है, अगर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता नहीं होते है हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने पर विचार करेंगे.

दूसरी बार प्रवेश

गौरतलब है कि गाजियाबाद कोर्ट परिसर में 8 फरवरी को एक तेंदुआ कोर्ट में घुस आया था और कम से कम तीन लोगों को घायल कर दिया था. जानवर को देखकर वहां मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गई और वकीलों ने खुद को कमरों में बंद कर लिया था.

तेंदुए के डर को हराकर अधिवक्ता फिर से सामान्य रूप से कोर्ट आने लगे थे, लेकिन एक सप्ताह बाद ही गुरूवार को फिर से कोर्ट परिसर में तेंदुआ घुस आया.

गुरूवार को रहा बंद

कोर्ट परिसर में दूसरी बार तेंदुए के आने के बाद बार एसोसिएशन ने काम पूरी तरह बंद करने का संकल्प लेते हुए गुरूवार को न्यायिक कार्य नहीं किया.

गुरुवार को पारित किए गए प्रस्ताव में बार एसोसिएशन ने बुधवार कोर्ट परिसर में तेंदुआ देखे जाने के बाद न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और पक्षकारों की सुरक्षा पर चिंता जताई.

बार के प्रस्ताव में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, गुरूवार को न्यायिक कार्य रोकने का फैसला कर सभी वकीलों और कर्मचारियों से परिसर छोड़ने और सुरक्षित रूप से अपने घरों तक पहुंचने का अनुरोध किया था.

जिसके बाद गुरूवार को गाजियाबाद कोर्ट में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहें.