Cattle Smuggling Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता अनुब्रत मंडल को कथित मवेशी तस्करी मामले में गवाहों को प्रभावित न करने सहित कई शर्तों के साथ जमानत दे दी है. टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल पिछले दो सालों से न्यायिक हिरासत में थे, उन्हें केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मंडल को जमानत देते हुए कई शर्तें लगाईं, जिनमें गवाहों को प्रभावित न करना शामिल है. शीर्ष अदालत ने मंडल को अपना पासपोर्ट जमा करने और मुकदमे में सहयोग करने का भी निर्देश दिया. मंडल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल दो साल से जेल में है और मामले में अन्य सह-आरोपी जमानत पर रिहा हैं.
अनुब्रत मंडल ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड लजाफीर अहमद बीएफ के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी.
कैटल स्मगलिंग मामले में अगस्त 2022 में सीबीआई ने अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने इससे पहले भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध मवेशी तस्करी के सिलसिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक पूर्व कमांडेंट को गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान अनुब्रत मंडल का नाम सामने आया. सीबीआई जांच के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 2015 से 2017 के बीच 20,000 से अधिक मवेशियों के सिर जब्त किए थे, क्योंकि उन्हें सीमा पार तस्करी के लिए ले जाया जा रहा था. इस मामले में सीबीआई और ईडी ने अनुब्रत, उनकी बेटी सुकन्या, पूर्व अंगरक्षक सहगल और इनामुल हक और बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को गिरफ्तार किया था. अनुब्रत मंडल को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का करीबी सहयोगी बताया जाता है, उन्हें जुलाई 2022 में इस मामले के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.