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NTA के जवाब तय करेंगे NEET UG दोबारा होगी या नहीं! Supreme Court ने जाहिर की मंशा 

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तथ्यों से साफ है कि नीट पेपर लीक हुई है. लेकिन इस लीक के प्रसार की व्यापकता ही तय करेगी कि नीट परीक्षा दोबारा से होगी या नही. सुप्रीम कोर्ट ने NTA से कुछ जरूरी सवालों के जवाब की मांग करते हुए मामले को 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध की है.

सुप्रीम कोर्ट.

Written by Satyam Kumar |Updated : July 8, 2024 6:28 PM IST

NEET UG 2024:  सुप्रीम कोर्ट नीट पेपर लीक से जुड़ी करीब 30 से ऊपर याचिका पर सुनवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि तथ्यों से साफ है कि नीट पेपर लीक हुई है. लेकिन इस लीक के प्रसार की व्यापकता ही तय करेगी कि नीट परीक्षा दोबारा से होगी या नही! सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी से कुछ सवाल पूछे हैं. NTA को इन सवालों के जवाब हलफनामा के माध्यम से देने को कहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं. नीट यूजी पेपर लीक मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की.

सीजेआई ने कहा, 

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"इस तथ्य पर विवाद नहीं किया जा सकता कि प्रश्नपत्र लीक हुए थे. परिणाम उस लीक की प्रकृति पर निर्भर करेगा."

सीजेआई ने आगे कहा कि हमें तथ्यों पर कुछ स्पष्टता रखनी होगी ताकि हम समझ सकें कि क्या यह इतना व्यवस्थित था कि हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़े. देखिए, दो या तीन चिंताएं हैं. एक, अगर परीक्षा की पवित्रता खो गई है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. दूसरा, अगर हम गलत काम करने वाले उम्मीदवारों की पहचान नहीं कर पाते हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. अगर आप अनाज और भूसे में अंतर नहीं कर सकते, दागी और बेदाग में अंतर नहीं कर सकते, तो हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा.

सीजेआई ने NTA से इन सवालों के जवाब की मांग की, 

  1.  लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराया जाना चाहिए;
  2. लीक होने वाले केंद्रों/शहरों की पहचान करने के लिए एनटीए द्वारा उठाए गए कदम, लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए अपनाई गई पद्धतियाँ;
  3.  लीक का प्रसार कैसे हुआ;

सीजेआई ने दोबारा से नीट परीक्षा को लेकर अपनी मंशा भी जाहिर कर दी है. हमारा मानना ​​है कि गुण-दोष के आधार पर आदेश को स्थगित करना होगा. एनटीए को अदालत के समक्ष पूर्ण खुलासा करने का निर्देश दिया गया है यह तीन क्षेत्रों में है,

पहला है, लीक की प्रकृति, लीक होने वाले स्थान और लीक होने तथा परीक्षा आयोजित होने के बीच का समय अंतराल.

एनटीए को अपने पास मौजूद सामग्री के आधार पर निम्नलिखित मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है:

  1. लीक पहली बार कब हुआ?
  2. प्रश्न-पत्रों को किस तरह से लीक किया गया?
  3. लीक होने तथा 5 मई को परीक्षा के बीच का समय अंतराल.

सुप्रीम कोर्ट ने NTA से इन सवालों के जवाब की मांग की है. साथ ही जांच एजेंसी (CBI) को भी इस मामले में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को भी निर्देश दिए कि नीट पेपर लीक मामले में अब तक जांच की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.