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नोएडा प्राधिकरण का समझौता मनमाना, SC ने डीएनडी फ्लाईओवर पर टोल वसूलने की याचिका की खारिज

शीर्ष अदालत ने 2016 में नोएडा प्राधिकरण और नोएडा टोल ब्रिज कोर्पोरेशन लिमिटेड (NTBCL) के बीच हुए अनुबंध पर कड़ी निंदा करते हुये फटकार लगाई कि यह टेंडर किसी भी तरह से जनहित के दायरे में नहीं आता है.

Written by My Lord Team |Published : December 20, 2024 1:51 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज यानि शुक्रवार को इलाहबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को सुरक्षित रखा है, जिसमें DND फ्लाईओवर को टोल प्लाजा से मुक्त करने का निर्देश दिया गया था. शीर्ष अदालत ने 2016 में नोएडा प्राधिकरण और नोएडा टोल ब्रिज कोर्पोरेशन लिमिटेड (NTBCL) के बीच हुए अनुबंध पर कड़ी निंदा करते हुये फटकार लगाई कि यह टेंडर किसी भी तरह से जनहित के दायरे में नहीं आता है. बता दें कि यह मामला नोएडा प्राधिकरण द्वारा दिल्ली-नोएडा फ्लाईओवर पर टोल वसूलने का अधिकार नोएडा टोल ब्रिज कोर्पोरेशन लिमिटेड से जुड़ा है, जिसके खिलाफ नोएडा रेजिडेंट वेल्फेयर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

तब इलाहबाद हाईकोर्ट ने जहां एक और DND फ्लाईओवर पर टोल टेक्स के नाम पर अवैध वसूली पर रोक लगाई थी, तो वहीं सरकार को भी यह निर्देश दिया था कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह से फ्लाई ओवर पर अवैध रुप से टोल वसूली ना की जाए. वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले को NTBCL ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. आइये जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए क्या कहा...

नोएडा प्राधिकरण ने किया अपनी शक्ति  दुरुपयोग: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नोए़डा प्राधिकरण को फटकार लगाते हुये कहा कि उन्होंने NTBCL को फ्लाईओवर पर टोल प्लाजा लगाने का अधिकार देकर अपनी शक्ति का दुरूपयोग किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नोएडा टोल ब्रिज कोर्पोरेशन लिमिटेड ने डीएनडी फ्लाइवे के निर्माण पर हुए रिटर्न, ब्याज और लागत वसूल कर ली है. ऐसे में अब वे और पैसे वूसलने के हकदार नहीं हैं.

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क्या है मामला?

ये मामला नोएडा डीएनडीप्लाईओवर टोल टैक्स के खिलाफ फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (FNRWA) ने जनहित याचिका दाखिल की थी. साल 2012 में दाखिल की गई जनहित याचिका में नोएडा टोल ब्रिज कंपनी द्वारा उपयोगकर्ता शुल्क के नाम पर टोल लगाने और संग्रह करने को लेकर चुनौती दी गई थी. तब अदालत ने डीएनडीप्लाईओवर पर टोल वसूलने के फैसले को रद्द करते हुए कहा था कि 9.2 किलोमीटर लंबे, 8 लेन वाले दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे का उपयोग करने वालों से अब से कोई टोल नहीं लिया जाएगा. नोएडा टोल ब्रिज कोर्पोरेशन लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट में इसी फैसले को चुनौती दी थी.