NEET 2024: नेशनल इंट्रेस इजिबिलिटी टेस्ट (NEET) अंडरग्रैजुएट
(UG) देश के लाखों-करोड़ो छात्रों का डॉक्टर बनने का स्वपन पूरा करने की पहली परीक्षा है. MBBS कॉलेजों में छात्रों के नामांकन का चयन इसी परीक्षा से होती है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NET) ने NEET 2024 की परीक्षा कंडक्ट की. रिजल्ट भी जारी किए. परिणाम आने पर हर कोई हक्का बक्का रह गया. 67 छात्र रैक-1, एक ही इक्जाम सेंटर के छह छात्र रैंक-1, परीक्षा में 717,718 अंक आना, उस पर NTA का ग्रेस मार्क्स का देने का दावे पर भी लोगों में नाराजगी है. नाराजगी बढ़ने पर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से परीक्षा को रद्द करने की मांग की, साथी ही परीक्षा को दोबारा से कराने के लिए निर्देश देने की मांग की.
NEET परीक्षा में एक प्रश्न सही होने पर चार अंक मिलते हैं. एक प्रश्न गलत होने पर कुल मार्क्स का एक-चौथाई अंक काटा जाता है. वहीं, प्रश्न छोड़े जाने की स्थिति में कोई अंक काटा नहीं जा सकता है.
अब अगर छात्र ने एक प्रश्न छोड़ दिया और उसके सारे प्रश्न सही होते हैं, तो उसे कुल अंक 716 मिलेंगे. वहीं, अगर एक प्रश्न गलत करता है, तो बाकी प्रश्न सही होते हैं, तो उसे मैक्सिमम 715 अंक मिलेंगे. ऐसे में परीक्षार्थी 718, 719 अंक देने के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.
छात्रों को कैसे 718, 719 अंक मिल सकते हैं. NTA ने इसका जवाब दिया कि ग्रेस मार्क्स के आधार पर . ग्रेस मार्क्स किस आधार पर दिए गए? NTA ने जवाब देते हुए कहा कि छात्रों को ग्रेस मार्क्स Loss Of Time के क्राइटेरिया के आधार पर कंपेनसेटरी तौर पर दिया गया है.
आंध्र प्रदेश राज्य से NEET उम्मीदवार श्री जारिपाते कार्तिक ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा 1536 उम्मीदवारों को 'Loss Of Time' के आधार पर क्षतिपूर्ति अंक देने की कार्रवाई को चुनौती देते हुए रिट याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता के वकील श्री वाई. बालाजी और श्री चिराग शर्मा ने मामले की शीघ्र सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री का रुख किया है.
याचिकाकर्ता ने कहा,
"प्रतिवादी संख्या 1 (NTA) द्वारा कोई मूल्यांकन, रिपोर्ट, विचार या सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक डोमेन में नहीं रखा गया है जो परीक्षा में 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के लिए समय की हानि के कथित कारण को बताता हो."
याचिकाकर्ता ने ये भी कहा कि ऑफलाइन मोड में आयोजित इस परीक्षा में तकनीकी देरी का कोई आधार नहीं हो सकता और ऑफलाइन मोड में परीक्षा होने के चलते इक्जाम सेंटर पर क्वेश्चन पेपर समय से पहले पहुंच जाते हैं.
9 जून को, NEET-UG 2024 के परिणामों को वापस लेने और एक नई परीक्षा आयोजित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का करने का आरोप लगाया है.
बता दें, 8 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को 1,500 से अधिक उम्मीदवारों के परिणामों की समीक्षा करने के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की, जिन्हें इस साल की NEET (UG) परीक्षा में बैठने के दौरान 'समय की हानि' के लिए 'ग्रेस मार्क्स' दिए गए थे.