Advertisement

ड्रग्स का सेवन युवा कूल बनने के लिए करते हैं, दोस्तों के दबाव में आकर इसके आदि ना बनें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स की बढ़ती लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ये खतरनाक है कि आज युवाओं के बीच इसका इस्तेमाल 'कूल' समझा जाने लगा है, ये दोस्ती का सबब बन गया है.

Written by Satyam Kumar |Published : December 17, 2024 10:50 AM IST

हाल ही में ड्रग्स मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे दोस्तों के दबाव में आकर  ड्रग्स और नशीली पदार्थों के सेवन से बचें. सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी ड्रग्स तस्करी से जुड़े एक शख्श के खिलाफ NIA जांच को सही ठहराने वाले फैसले में की है.अंकुश विपन कपूर नाम के इस शख्श पर पाकिस्तान से भारत मे हेरोइन की तस्करी से जुड़े नेटवर्क में शामिल होने का आरोप था.

बढ़ती लत युवाओं के लिए खतरनाक: SC

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में देश के युवाओं से आग्रह किया है कि वो ड्रग्स के इस्तेमाल से दूर रहे. वो अपने विवेक का इस्तेमाल करें. दोस्तों के दबाव में आकर ड्रग्स का इस्तेमाल न करें और उन लोगों को अनुसरण करने से बचे जो इसकी लत के शिकार है. कोर्ट ने ड्रग्स की बढ़ती लत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि ये खतरनाक है कि आज युवाओं के बीच इसका इस्तेमाल 'कूल' समझा जाने लगा है, ये दोस्ती का सबब बन गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भावनात्मक तनाव , पढ़ाई का दबाव या फिर दोस्तों के दबाव के चलते युवा ड्रग्स की लत के शिकार हो रहे है. इससे नुकसान सिर्फ नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले को नहीं होता। उनके परिवार को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.

Also Read

More News

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्रग्स की लत के शिकार लोगों के प्रति हमारा नज़रिया नकारात्मक न होकर, उनको सुधारने वाला होना चाहिए. ये तमाम स्टेक होल्डर्स की-अभिभावकों की, स्कूल/ कॉलेजों की, एनजीओ, सरकारी संस्थाओं की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस जाल को खत्म करने के लिए अपने स्तर पर कोशिश करें.

आतंकवाद के लिए फंडिग भी ड्रग्स के पैसों से: SC

सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं को ड्रग्स की लत से दूर रहने की अपील करने के दौरान कहा कि ड्रग्स का असर उम्र जाति और धर्म से परे हैं. नशे की लत के परिणाम तो अलग ही होते हैं, साथ ही ड्रग्स की कमाई, आतंकवाद और समाज को अस्थिर करने के करतूतों को फंडिंग मिलती है