नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश के गाजीपुर की विशेष एमपी एमएलए कोर्ट ने शनिवार को बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी, उनके भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को दोषी ठहराते हुए जेल की सजा सुनाई है.
अपहरण और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए अदालत ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 10 साल जेल की सजा के साथ पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
बाहुबली मुख्तार अंसारी फिलहाल उत्तरप्रदेश की बांदा जेल में बंद है.
अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को चार साल की जेल की सजा सुनाई है.
इस मामले में सभी पक्षो की बहस सुनने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट के एडिशनल सेशन जज दुर्गेश ने 23 सितंबर 2022 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
विशेष अदालत के इस फैसले के बाद मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो सकती है.
रिप्रजेंटेशन आफ पीपुल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार अगर किसी जनप्रतिनिधी को दो या दो साल से अधिक सालो के जेल की सजा सुनाई जाती है तो उस सदस्य की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.
अंसारी भाईयो पर वर्ष 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कोयला व्यवसायी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण और 2005 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने का मामला दर्ज किया गया था.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बासनिया चट्टी में नवंबर 2005 को वहा के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत 7 लोगो की हत्या कर दी गई थी.
1985 से अंसारी परिवार का गढ रही गाजीपुर की मेाहमदाबाद विधानसभा सीट पर 17 साल बाद कृष्णानंद राय ने छीन ली थी.
गाजीपुर की पारिवारिक सीट हार जाने से नाराज मुख्तार अंसारी द्वारा हत्याकांड को अंजाम देते हुए विधायकी के दूसरे ही साल में एक बुलेटप्रुफ वाहन के अंदर ही भाजपा विधायक की हत्या कर दी गयी.
विधायक कृष्णानंद राय की गाड़ी पर एके 47 से 500 से ज्यादा गोलियां चलाई गयी थी. इस हमले में विधायक के साथ ही गाड़ी में मौजूद सभी 7 लोग मारे गए.
इस मामले में वर्ष 2007 में मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और उसके बहनोई एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.