नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर से देश की अदालतों में पेंडिंग मुकदमों को लेकर सरकार का पक्ष रखा है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि देशभर की अदालतों में पांच करोड़ से अधिक मुकदमे पेंडिंग है और मोदी सरकार अदालतों में पेंडिंग इन मुकदमों को सुलझाने में न्यायपालिका को पूरा सहयोग दे रही है.
केन्द्रीय मंत्री रिजिजू हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भारतीय अधिवक्ता परिरषद की और से आयोजित तीन दिवसीय 16 वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
मंत्री किरेन रिजिजू ने कोविड के दौरान सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान भी अदालतों को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई कदम उठाए ताकि अदालतें इस अवधि के दौरान काम कर सकें.
कानून मंत्री ने केंद्र और न्यायपालिका के बीच विवाद या तनाव से इनकार किया है. उन्होने कहा कि कई नेता और मीडियाकर्मी यह बात फैला रहे हैं कि केंद्र और न्यायपालिका के बीच किसी तरह का तनाव है और दावा करते हैं कि सरकार न्यायपालिका के अधिकार पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है.
कानून मंत्री ने इसके लिए कहा कि देश के लोगों को यह तय करना होगा कि कौन लोग इस व्यवस्था को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. रिजिजू ने कहा कि जजों को देश की जनता के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए ना कि सरकार के प्रति.
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने संबोधन के दौरान विपक्षी पार्टी के सदस्यों पर भी निशाना साधा, जिन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार न्यायपालिका पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है.
इसके जवाब में कानून मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार देश को संविधान से चलाएं और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जाएगा. रिजिजू ने कहा कि हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते. जब प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वह देश को संविधान से चलाएंगे, तो ऐसा होना ही चाहिए और इसमें कोई दो राय नहीं है"
केन्द्रीय कानून मंत्री ने कहा अधिवक्ता परिषद के समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षों पहले यह कहा जा रहा था कि जजों की वरिष्ठता को दरकिनार किया जा रहा है और न्यायपालिका की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए जा रहे थे.
लेकिन इस सरकार में हम चाहते है कि जज देश के लिए प्रतिबद्ध हो ना कि कार्यपालिका के लिए.
मंत्री ने कहा कि कुछ के लिए न्यायपालिका का मतलब अपने अधिकारियों के प्रति प्रतिबद्ध होना है, लेकिन हमारे लिए 'प्रतिबद्ध' होने का मतलब राष्ट्र के लिए है.