Patanjali Misleading Ads: मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) यानि आज सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि दवाइयों से जुड़े भ्रामक एड को लेकर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण को स्पष्ट कर दिया कि उनकी माफीनामा स्वीकार नहीं की गई है. सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण दोनों मौजूद रहें. शीर्ष न्यायालय ने दोनों को फिर से 23 अप्रैल को अदालत में हाजिर रहने के निर्देश दिए हैं. आइये जानते हैं कि न्यायालय ने आज की सुनवाई के दौरान क्या-कुछ कहा...
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह एवं जस्टिस हिमा कोहली की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. अदालत में मौजूद बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने माफी मांगते हुए राहत की मांग की.
बेंच ने कहा,
"हम ये नहीं कह रहे कि हम माफ़ कर देंगे आपको.. आपका इतिहास हम अनदेखा करदे...आदेश थे कोर्ट के तब भी इस आदेश का पालन हुआ तो आप इतने निर्दोष नहीं हैं."
जस्टिस हिमा कोहली ने कहा,
"हमने आपके बयान पढ़े हैं. आप क्या कहना चाहेंगे?"
बाबा रामदेव ने जबाव दिया,
"परम आदरणीय जज साहब मोहदया. बिना शर्त... जो भी गलती हमसे हुई हम माफी मांगते हैं."
जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा,
“कानून सब के लिए एक है!"
बाबा रामदेव ने कहा,
"आगे से इसके प्रति जागरूक रहूंगा. कार्य के उत्साह में ऐसा होगा. आगे से नहीं होगा."
अदालत ने गौर किया. कंपनी जिन बीमारियों को ठीक करने का विज्ञापनों के माध्यम से दावा कर रही है. असल में वे ऐसा नहीं कर सकती है. कोर्ट ने कहा, बीमारियों का एकमात्र इलाज बताना गलत है. ऐसे विज्ञापन करना गैर-कानूनी है.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा, उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया.
"ये सब अनजाने में हुआ. हम क्षमा प्रार्थी हैं."
जस्टिस अमानुल्लाह ने आचार्य बालकृष्ण को बताया. वे अपने प्रोडक्ट का प्रचार करते समय एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते हैं.
“ये बहुत गलत है कि आपने एलोपैथी के ऊपर कटाक्ष किया है."
बीच-बचाव करते हुए बाबा रामदेव ने कहा,
"एलोपैथी को छद्म विज्ञान कहा गया है और दोनों ब्रांच के बीच हमेशा एक विवाद चलता है...विकिपीडिया पर भी..."
जस्टिस अमानुल्लाह ने स्पष्ट किया कि पतंजलि को अपने कार्य पे ध्यान देना चाहिए, ना कि दूसरों की छवि खराब करने की कोशिश करनी चाहिए.
“लेकिन आपका क्या है.. आप अपना काम करो."
अदालत ने बाबा रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई में हाजिर रहने का आदेश दिया है.
मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल, 2024 को होगी.