Punishment Of Muslim Constable Over Beard: मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने दाढ़ी रखने के कारण अधिकारियों द्वारा एक मुस्लिम पुलिसकर्मी के विरुद्ध सजा के आदेश को रद्द कर दिया है. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने अधिकारियों से छुट्टी की मांग की थी, बदले में उसकी दाढ़ी को लेकर अधिकारियों ने जांच बिठाई. जांच के बाद उसकी वेतन वृद्धि पर दो साल तक के लिए रोक लगा दिया गया. मुस्लिम पुलिसकर्मी ने इसी फैसले के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट से राहत मांगी.
मद्रास हाईकोर्ट में पुलिस कांस्टेबल जी अब्दुल खादर इब्राहिम द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
अदालत ने फैसला सुनाया,
"याचिकाकर्ता ने मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ छुट्टी के लिए आवेदन किया है. उसे छुट्टी दी जानी चाहिए. इसके विपरीत, यह चौंकाने वाला है कि मदुरै जिला पुलिस आयुक्त ने उसकी वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया. इसलिए, याचिकाकर्ता के वेतन में वृद्धि को निलंबित करने का आदेश रद्द किया जाता है."
अदालत ने आदेशानुसार मदुरै पुलिस आयुक्त को आठ सप्ताह के भीतर इस मामले में उचित आदेश जारी करने के आदेश दिए हैं.
याचिकाकर्ता मदुरै में पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत है और मुस्लिम समुदाय से है. वह अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दाढ़ी रखता है.
वह 9 नवंबर से 9 दिसंबर, 2018 तक 31 दिनों के लिए मक्का और मदीना में छुट्टी पर गया था. बाद में, उसने अपने बाएं पैर में चोट लगने के कारण 10 दिसंबर को सहायक पुलिस आयुक्त से अपनी छुट्टी बढ़ाने का अनुरोध किया.
हालांकि, जब उसकी छुट्टी नहीं बढ़ाई गई, तो दाढ़ी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगने के लिए विभागीय जांच की गई. इसके बाद, दाढ़ी रखने के कारण सजा के रूप में पुलिसकर्मी की वेतन वृद्धि दो साल कम कर दी गई.
याचिकाकर्ता ने बताया कि पुलिसकर्मियों और यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी ड्यूटी के दौरान साफ-सुथरी दाढ़ी रखने की अनुमति है। पुलिस अधिनियम के तहत भी यह जायज है.
अब मद्रास हाईकोर्ट ने इस अधिकारिक फैसले पर रोक लगाते हुए मुस्लिम कांस्टेबल को राहत दी है.