नई दिल्ली: मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट दिखाने से जुड़े मामले को सुना. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा. अगर संसद की कार्यवाही लाइव टेलीकास्ट की जा सकती है, तो विधान सभा की कार्यवाही को लाइव दिखाने में कैसी परेशानी है.
चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की बेंच ने कार्यवाही को लाइव दिखाने से जुड़े रिट याचिका (Writ Petition) पर सुनवाई की. इस रिट याचिका को स्व. विजयकांत (नेता, देसिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम), डी जगधीशवरण ( प्रदेश अध्यक्ष, लोक सत्ता पार्टी) और एसपी वेलुमनी (चीफ विप, एआईडीएमके) ने मिलकर दायर कर तमिलनाडू विधानसभा की कार्यवाही को लाइव दिखाने की मांग की.
जब यह विषय कोर्ट में उठा. तो एडवोकेट जनरल पी एस रमन ने कहा, कि राज्य में पहले से ही प्रश्न काल (Question hour)और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Call Attention Motion)का लाइव टेलीकास्ट जारी है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि विधान सभा की कार्यवाही के दौरान कई बार असंसदीय शब्दों (Unparliamentary Words) बोलते देखे गए है, जिसका लाइव प्रसारण करना उचित नहीं होगा.
वहीं, स्पीकर विधान सभा के दौरान बोले गए असंसदीय शब्दों को रिकार्ड से हटा देते हैं. बता दें कि संसद और विधान सभा के कार्यवाही के दौरान बोले गए शब्द रिकार्ड किए जाते हैं. जिसे कई बार स्पीकर अपने विवेक से हटा भी सकते हैं. वहीं, अनुच्छेद 122 (Article 122) के अनुसार, स्पीकर यह तय कर सकता है कि विधान सभा के किस कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट दिखाया जाय या नहीं. और इसे फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
सभा के दौरान आनेवाले असंसदीय शब्दों पर कोर्ट ने विचार करते हुए कहा, ऐसे में विधान सभा की कार्यवाही को असल समय से थोड़ी देरी से दिखाया जाए. कोर्ट ने इस बात पर जोड़ दिया कि अगर संसद की कार्यवाही लाइव टेलीकास्ट की जा सकती है, तो यह विधान सभा की कार्यवाही को भी लाइव दिखाया जाना चाहिए.