मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भाजपा नेता और राज्य मंत्री कुंवर विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरेशी को आतंकवादियों की बहन कहने वाले बयान पर स्वतः संज्ञान लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. बीजेपी नेता के बयान पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने पाया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और 192 (BNS Section 152, Section 192) के तहत प्रथम दृष्टया अपराध प्रतीत होता है. बता दें कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले किसी भी कार्य को दंडनीय अपराध मानती है.
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस विवादित टिप्पणी को बीएनएस की धारा 192 (धर्म, जाति आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित) का उल्लंघन होता पाया. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को आज शाम तक मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. साथ ही अगर ऐसा करने से डीजीपी चूकते हैं तो उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी.
कर्नल सोफिया कुरैशी 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय वायु सेना द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर किए गए सैन्य अभियानों के बारे में प्रेस ब्रीफिंग देकर चर्चा में आई थीं.
मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. बता दें कि कर्नल सोफिया कुरैशी भी मध्य प्रदेश से आती हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी सोफिया कुरैशी की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि सोफिया कुरैशी ने मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है. बताते चलें कि सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे, उन्हीं लोगों को उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई. उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिन्दुओं को मारा और पीएम मोदी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी-तैसी करने के लिए उनके घर भेजा. हालांकि विजय शाह ने पूरे वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया है. मामला तूल पकड़ते देख भाजपा ने मंत्री को तलब कर लिया था. मंत्री ने इस मामले में माफी भी मांगी है। बताया जा रहा है कि संगठन की तरफ से फटकार भी लगाई गई है. इस दौरान बयानबाजी करने से परहेज करने को कहा गया है.