Law Is King Of Kings: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक श्लोक का उद्धरण देते हुए अपने आर्डर कॉपी की शुरूआत की है. सर्वोच्च न्यायालय जमीन के मालिकाना हक के ट्रांसफर से जुड़े मामले की ऑर्डर कॉपी में इस श्लोक का जिक्र किया गया है. श्लोक बृहदारण्यक उपनिषद से लिया गया है जिसका अर्थ है कि कानून राजाओं का राजा है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं जिसकी सहायता से कमजोर भी विजय पा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम सिंह और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस जमीन ट्रांसफर में धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई की. उन्होंने
"कानून राजाओं का राजा है, कानून से बढ़कर कुछ भी नहीं है, जिसकी सहायता से कमजोर भी मजबूत पर विजय पा सकता है.”
श्लोक के नीचे अर्थ भी लिखा गया था जो कि इस प्रकार है,
हमारे समाज की सत्ता संरचना ऐसी है कि कमज़ोर लोग अक्सर खुद को उन लोगों द्वारा शोषित और उत्पीड़ित पाते हैं जो उनसे ज़्यादा शक्तिशाली होते हैं.
भूमि स्वामित्व एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ हम देखते हैं कि सत्ता की तलवारें निरंतर धोखाधड़ी, छल और लालच के साथ तेज़ होती जा रही हैं. हालाँकि हम इस मामले के तथ्यों पर बाद में विस्तार से चर्चा करेंगे, लेकिन यह आम आदमी द्वारा लगातार झेली जा रही पीड़ा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो विक्रेताओं के दुर्भावनापूर्ण इरादों के कारण या तो हाथ-घुमाकर या कानूनी प्रक्रियाओं में हेराफेरी करके दोहरा लाभ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं.
कई बार, जब न्याय का ऐसा मजाक दशकों तक चलता है, तो मुकदमेबाज़ों की पीड़ा और भी बढ़ जाती है. ऐसे मामलों में ही कानून कमजोर लोगों की मदद के लिए आता है. ऐसे मामलों में फ़ैसला सुनाते समय, हम सिर्फ़ लोगों की ज़िंदगी और संपत्ति के बारे में ही नहीं बल्कि कानूनी व्यवस्था में उनके भरोसे के बारे में भी बात कर रहे होते हैं. हमारे सामने आए मामलों में, हमें विवादास्पद लेन-देन का सिर्फ़ यांत्रिक विश्लेषण नहीं करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि अन्याय का निवारण हो और किसी को भी अपने गलत कामों से फ़ायदा न मिले. न्याय में कोई पक्षपात नहीं होता और इसलिए, इसकी सहायता से कमज़ोर भी मज़बूत पर जीत हासिल कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में प्रतिवादियों पर जमीन के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने एवं कब्जा करने से जुड़ा है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपीलकर्ता को राहत देते हुए प्रतिवादियों पर दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया है.
Citecase नामक ट्विटर एकाउंट ने भी इस उपरोक्त बातों की चर्चा की है. रेफरेंस के लिए हम उनके ट्विट को आपसे साझा कर रहे हैं.
“Law is the king of kings, nothing is mightier than law, by whose aid, even the weak may prevail over the strong.”
Yesterday's #SupremeCourt judgment authored by Justice Vikram Nath began with this quote. We just did a brief research about this quote and it appears that it is… pic.twitter.com/4gFtDnRiIe — CiteCase ?? (@CiteCase) July 20, 2024