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बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में लेटेस्ट अपडेट, दिल्ली कोर्ट ने इस अदालत में ट्रांसफर किया मामला

पिछले कई महीनों से देश की तमाम महिला रेस्लर्स प्रदर्शन कर रही हैं क्योंकि उन्होंने डब्ल्यूएफआई (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। इसमें लेटेस्ट अपडेट क्या आया है, आइए जानते हैं

Brij Bhushan Sharan Singh Sexual Harassment Case Latest Update Delhi Court Transfers Case

Written by My Lord Team |Published : June 24, 2023 9:16 PM IST

नई दिल्ली: पिछले काफी समय से रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (Wrestling Federation of India) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला चल रहा है, दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया है और देश में इसको लेकर कई प्रदर्शन और धरने भी हुए हैं। इस केस में एक बड़ा अपडेट सामने आया है क्योंकि दिल्ली कोर्ट ने इस मामले को ट्रांसफर कर दिया है.

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज केस किया ट्रांसफर 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डब्ल्यूएफआई (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न का केस अब ट्रांसफर हो गया है। दिल्ली कोर्ट ने इस मामले को एमपी/एमएलए कोर्ट (MP/MLA Court) में, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को ट्रांसफर कर दिया है।

बता दें कि चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट (CMM) महिमा राय सिंह ने इस केस को एसीएमएम (ACMM), हरजीत सिंह जसपाल को ट्रांसफर कर दिया है जो पहले से ही इससे जुड़े एक मामले के साथ डील कर रहे हैं, बता दें कि इस केस की अगली सुनवाई 27 जून को होगी।

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दिल्ली पुलिस ने फाइल की थी चार्जशीट

दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 1,082 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी जिसमें यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment), पीछा करना (Stalking) और महिला पर हमले (Assault to outrage modesy of a woman) जैसे आरोप शामिल थे।

बता दें कि कई महिला रेस्लर्स ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और इन्हीं शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट तैयार की है। शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग लड़की भी शामिल है।

एसीएमएम जसपाल, जो इस मामले की अध्यक्षता कर रहे हैं, उन्हें रेस्लर्स की तरफ से एक याचिका भी मिली है जिसमें याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि इस मामले में जांच अदालत की निगरानी में (Court monitored probe) होनी चाहिए।