लेटरल इंट्री से भर्ती को लेकर आए यूपीएससी के आवेदन ने एक नया सियासी जंग छेड़ दिया है. प्रभाव इतना कि आरक्षण की मांग कनरेवालों ने 21 अगस्त को भारत बंद करने का ऐलान कर दिया है. यूपीएससी के नोटिफिकेशन ने लेटरल इंट्री के जरिए 45 मंत्रालयों में भर्ती निकाली है, जिसे लेकर नेता विपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर चिंता जताई कि ऐसा करके सरकार ओबीसी, एससी व एसटी के आरक्षण को दरकिनार कर रही हैं, और राहुल गांधी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसे संविधान का उल्लंघन बताया है. वहीं बीाजेपी नेता व केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णवन ने दावा किया कि लेटरल इंट्री लाने का विचार कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने ही किया था.
कांग्रेस नेता व लीडर ऑफ अपोजिशन (Leader Of Oppostion) राहुल गांधी ने इस विज्ञापन को लेकर आरोप लगाया है कि इसमें अन्य पिछड़ा, अति पिछड़ी जाति और जनजाति के आरक्षण (OBC, SC-ST Reservation) को दरकिनार किया गया है.
नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा… — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2024
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा प्रमुख मायावती भी इस बहस में शामिल हो चुकी है. उन्होंने भी विरोध करते हुए कहा कि यूपीएससी के इस विज्ञापन से बहाली होती है तो संविधान का उल्लंघन होगा. उन्होंने इस नोटिफिकेशन को सरकार की मनमानी बताई है.
1. केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) August 18, 2024
2. इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में SC, ST व OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) August 18, 2024
3. और इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाये हुये भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा। 3/3
— Mayawati (@Mayawati) August 18, 2024
राहुल गांधी के ट्वीट पर बीजेपी नेता व केन्द्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णवन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन यूपीए सरकार (UPA Government) पर टिप्पणी की है.
Lateral entry
INC hypocrisy is evident on lateral entry matter. It was the UPA government which developed the concept of lateral entry. The second Admin Reforms Commission (ARC) was established in 2005 under UPA government. Shri Veerappa Moily chaired it. UPA period ARC… — Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 18, 2024
अश्विनी वैष्णव ट्वीट में लिखते हैं,
लेटरल एंट्री
लेटरल एंट्री मामले में कांग्रेस का पाखंड स्पष्ट है. लेटरल एंट्री की अवधारणा यूपीए सरकार ने ही विकसित की थी.
2005 में यूपीए सरकार के दौरान दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (SRC) स्थापित किया गया था. श्री वीरप्पा मोइली ने इसकी अध्यक्षता की थी.
यूपीए काल के एआरसी ने विशेष ज्ञान की आवश्यकता वाले पदों में रिक्तियों को भरने के लिए विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी.
एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है. भर्ती यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी.
इस सुधार से शासन में सुधार होगा.
ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय जनता पार्टी (NJP) लोगों के बीच अपनी बात कैसे पहुंचाती है, लेटरल इंट्री के मामले में आरक्षण के एंगल का कैसे जवाब देगी.