Kolkata Doctor-Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के मामले में सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी. पहले ये सुनवाई 5 सितंबर के लिए तय की गई थी लेकिन किसी कारणवश स्थगित कर दी गई, जिसके बाद सोमवार को अगली सुनवाई को तय हुई.
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. पीठ ने मामले में अब तक विक्टिम की पहचान उजागर करने वाले पोस्ट पर हटाने के निर्देश दिए हैं. सीबीआई से अब तक की जांच की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही डॉक्टरों को काम पर लौटने व उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली थी. यह देखना दिलचस्प रहेगा कि सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई में आज क्या होता है.
केंद्र द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के कर्मियों को सहायता प्रदान नहीं करने की शिकायत पर चर्चा होने की संभावना है जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार आरजी कार में तैनात किया गया है. पिछले सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट को इस बात की जानकारी हुई कि अस्पताल के 7000 रेजिडेंट डॉक्टर घर जा चुके हैं, परिसर में केवल 100 के करीब छात्र व डॉक्टर मौजूद हैं तो सीजेआई ने डॉक्टरों को वापस लौटने का अनुरोध करते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है. इसके बाद केन्द्र ने उनकी सुरक्षा के लिए आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पीटल में सीआईएसएफ तैनात करने की बात सामने आई.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की पहचान विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उजागर की गई है, जिसे हटाने के आदेश जारी किए थे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की बरामदगी के बाद शव की तस्वीरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया है, इसलिए वह रोक आदेश जारी करने के लिए बाध्य है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा केस में घोष का कोई लोकस नहीं और मामले की जांच सीबीआई कर रही. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी के तौर पर जनहित याचिका (PIL) में पक्षकार नहीं बन सकते है.