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केरल के मुख्यमंत्री की बेटी की कंपनी ने SFIO जांच के खिलाफ Karnataka High Court में दायर की याचिका

कर्नाटक हाईकोर्ट ने केरल के सीएम पिनरई विजयन की बेटी की कंपनी एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यलय (SFIO) के जांच को चुनौती देते हुए याचिका दायर की.

Written by My Lord Team |Published : February 18, 2024 9:46 AM IST

एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस (Exalogic Solutions)  ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यलय (SFIO) के जांच को चुनौती देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की.एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस, केरल के सीएम पिनरई विजयन की बेटी वीणा विजयन की कंपनी है. याचिका में कंपनी पर पुन: जांच शुरू करने के फैसले को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा कि कंपनी पर पहले से कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुसार जांच हो रही है जिसमें फैसला आना अभी बाकी है.

याचिका में कही गई. कंपनी पर पहले से ही कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 210 के तहत जांच चल रही है. उससे पहले ही दोबारा इस अधिनियम की धारा 212 के तहत जांच के आदेश है. यह आदेश प्राकृतिक न्याय सिद्धांंतों के खिलाफ हैं. इस आदेश से संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होता है. 

जांच में अब तक की कार्रवाई

याचिका में कहा गया है. साल 2021 में, याचिकाकर्ता को रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीस (आरओसी) बैंगलोर ने जानकारी दी. जानकारी में एक्सालॉजिक कंपनी और सीएमआरएल के बीच लेन-देन में कंपनी अधिनियम की धारा 206(4) के अंतर्गत कार्रवाई करने की बात कही गई. इस याचिकाकर्ता ने नोटिस का जबाव दिया. जबाव में उपयुक्त दस्तावेज लगाए. 

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जबाव से असंतुष्ट होने पर याचिकाकर्ता से पुन: जबाव मांगा गया. इसके बाद,व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा गया. बाद में आरओसी ने कहा केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम (केएसआईडीसी) के पास कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) की 13.4% हिस्सेदारी है. और केएसआईडीसी ने मुख्यमंत्री के आदेशों पर काम किया हैं. मुख्यमंत्री कंपनी के निदेशक के पिता है. इसके बाद आरओसी ने कंपनी अधिनियम की धारा 210 (1)(सी) के तहत सीएमआरएल, केएसआईडीसी के खिलाफ जांच शुरू की. 

क्या है मामला? 

एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस कंपनी को कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) ने करीब 1.72 करोड़ दिए. कंपनी को ये रूपये साल 2017 से तीन वर्षों के दौरान मिले. आयकर अंतरिम निपटान बोर्ड ने मामले को उठाते हुए कहा कि सीएमआरएल ने एक्सालॉजिक कंपनी के साथ कोई व्यापार किए बिना ही ये पैसे दिए हैं. कंपनी पर आरोप लगा है कि आईटी सेवाओं की आड़ में सीएम की बेटी की कंपनी को रिश्वत मिली है. 

कर्नाटक हाईकोर्ट में जल्द ही मामले की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी.