जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (51th CJI) के तौर पर शपथ ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने सुबह 10 बजे जस्टिस खन्ना को पद की शपथ दिलाई. वह चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Former CJI DY Chandrachud) की जगह लेंगे, जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए थे। 64 साल की उम्र में जस्टिस खन्ना भारत के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे और उनके 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होने की उम्मीद है.
जस्टिस खन्ना दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस देव राज खन्ना के बेटे और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एचआर खन्ना के भतीजे हैं. वह कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की पवित्रता को बरकरार रखना, इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक घोषित करना, जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन करना और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना शामिल है. 16 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की सिफारिश के बाद केंद्र ने 24 अक्टूबर को न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया.
14 मई 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन कराया. उन्होंने शुरुआत में तीस हजारी परिसर में जिला अदालतों में अभ्यास किया, बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और न्यायाधिकरणों में चले गए. उन्होंने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में लंबा कार्यकाल बिताया. 2004 में, उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया. उन्हें 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने. न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया.
(खबर ANI इनपुट पर आधारित है)