Victim Of Police Cruelty: हाल ही में झारखंड हाईकोर्ट ने पुलिस क्रूरता के शिकार हुए व्यक्ति को 5 लाख रूपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. अदालत ने राज्य को मुआवजे की राशि व्यक्ति को हिरासत में लेने वाले पुलिस अधिकारी से लेने को कहा है. यानि राज्य पुलिस अधिकारी से मुआवजे की राशि वसूल कर पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा देगी.
झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने पुलिस दुर्व्यवहार के मामले में पीड़ित व्यक्ति को पांच लाख रूपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया है. राज्य को मुआवजे की राशि पीड़ित व्यक्ति को हिरासत में लेने वाले पुलिस अधिकारी से वसूलने को कहा है.
अदालत ने कहा,
"जहां तक मुआवजे का सवाल है, राज्य ने मुआवजे के लिए 50,000 रुपये मंजूर किए हैं."
अदालत ने राज्य द्वारा दी जा रही मुआवजे की राशि से आपत्ति जताई.
अदालत ने कहा,
"इस न्यायालय को लगता है कि 50,000/- रुपये पर्याप्त राशि नहीं है। यह वह मामला है जिसमें पुलिस ने इस याचिकाकर्ता को अवैध रूप से हिरासत में लिया और उसे पुलिस स्टेशन ले गई और बेरहमी से उसके साथ मारपीट की."
अदालत ने ये भी कहा,
"व्यक्ति को तीन दिनों तक बंधक बनाए रखा और उसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि यह याचिकाकर्ता वह व्यक्ति नहीं है, जिसे हिरासत में लिया जाना था, उसके बाद उन्होंने पीड़ित को रिहा कर दिया. इस तथ्य को राज्य ने भी स्वीकार किया गया है."
अदालत ने पीड़ित के साथ पुलिस की दुर्व्यवहार से आपत्ति जताई है. अदालत ने कहा कि पीड़ित को मिलने वाला 50,000 रूपये का मुआवजा उचित नहीं है.
अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने बहुत ही मनमाने तरीके से कानून को अपने हाथ में लिया और इस देश के एक गरीब नागरिक को प्रताड़ित किया, जबकि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था. इस परेशानी के लिए उसे पांच लाख रूपये का मुआवजा दिया मिलना चाहिए. राज्य इस राशि का भुगतान दो सप्ताह के समय सीमा के भीतर कर दें. वहीं, मुआवजे की राशि पुलिस अधिकारियों से राज्य दो सप्ताह में वसूले.
केस टाइटल: W.P (CR) No. 509/2022 अनिल कुमार सिंह बनाम झारखंज राज्य एवं अन्य