IAS vs IPS: उत्सुक छात्रों के बीच अक्सर चर्चा चलती है कि अगर आईएएस और आईपीएस की शक्तियों के बीच तुलना करें तो किसकी जीत होगी? किसके पास ज्यादा शक्तियां है? अंत में सबके पास अपने तर्क होते हैं कि वे अपने दावे को सही साबित कर सके. लेकिन ये विवाद छात्रों के बीच नहीं है, बल्कि आईएएस रोहिनी सिंधुरी और आईपीएस डी रूपा मौदगिल के बीच है. सुप्रीम कोर्ट के सामने विवाद पहुंचा तो अदालत ने आपसी समझौते से विवाद का निदान ढूंढने को कहा है. आइये जानते हैं पूरा वाक्या...
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मिथल की डिवीजन बेंच ने इस मामले को सुना. बेंच ने दोनों अफसरों को समझाया, आप दोनों ही युवा अधिकारी है. ऐसे में आपस में उलझना दोनों के करियर के लिए ठीक नहीं होगा. आपस में बातचीत करके कोई हल ढूंढिए.
बेंच ने आगे कहा, आप दोनों लोक प्रशासन सेवा में है, इस तरह से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना बंद करें. अगर आप दोनों एक-दूसरे पर लगाए इल्जाम वापस लेते हैं, तो विवाद का निदान हो जाएगा.
बेंच ने कहा,
"दोनों युवा अधिकारी हैं, अगर यह लड़ाई जारी रही तो उनके करियर पर असर पड़ेगा."
बेंच ने ये भी बताया कि अगर आप दोनों आपस में सहमति बनाते हैं तो हम डिपार्टमेंट की ओर से होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगाने के निर्देश दे सकते है.
सुप्रीम कोर्ट आईपीएस डी रूपा की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. डी रूपा ने इस याचिका में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने डी रूपा के खिलाफ हुए अपराधिक मुकदमे को रद्द करने से इंकार किया था. बता दें कि आईपीएस डी रूपा के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मुकदमा आईएएस रोहिणी सिंधुरी ने कराया है.
घटना पिछले साल (2023) की है. आईएएस सिंधुरी ने पाया कि आईपीएस डी रूपा ने उनके खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की है. अपने पोस्ट में आईपीएस डी रूपा ने आईएएस रोहिणी सिंधुरी पर आरोप लगाया था वे उनकी प्राइवेट फोटो साथी अधिकारियों से शेयर कर रही है.
आपस में झगड़ा बढ़ा तो राज्य ने दोनों अधिकारियों का अलग-अलग ट्रांसफर कर दिया. बाद में 21 फरवरी, 2023 के दिन आईएएस ने आईपीएस पर मुकदमा दर्ज कराया. आईएएस ने मानहानि के लिए 1 करोड़ रूपये और बिना शर्त माफी की मांग की.
24 मार्च को बेंगलुरू कोर्ट ने इस मुकदमे की कार्यवाही को शुरू करने के निर्देश दिए. कोर्ट के इस फैसले को डी रूपा ने चुनौती दी लेकिन हाईकोर्ट ने रोक लगाने इंकार किया. अब डी रूपा ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सुलह से मामले को सुलझाने को कहा है.