नई दिल्ली: दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में अधिवक्ताओं के लिए बीमा की सुविधा के बाद अब झारखंड में भी अधिवक्ता बीमा सुविधा की मांग कर रहे है.
अधिवक्ताओं ने अपनी मांगो को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का रूख किया है, हाईकोर्ट में दायर की गयी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बॉर काउंसिल आफ इंडिया, केन्द्र सरकार, झारखंड राज्य सरकार के साथ साथ राज्य बार काउंसिल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
अधिवक्ता बिदेश कुमार धन की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन कि पीठ ने ये आदेश दिया है.
जनहित याचिका में झारखंड राज्य में वकालत करने वाले अधिवक्ताओं के लिए जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा की मांग की गयी है.
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन कि पीठ ने याचिका पर केन्द्र सरकार सहित सभी पक्षकारों को हलफनामा के जरिए जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.
मुख्य न्यायाधीश की पीठ द्वारा मामले में अगली सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की गई है.
गौरतलब है दिल्ली में सरकार ने नवंबर 2020 में अधिवक्ताओं के लिए मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना लागू की थी जिसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था. इस योजना के तहत अधिवक्ताओं को 10 लाख रुपये का जीवन बीमा प्रदान दिया जाता है.
इसके साथ ही अधिवक्ता, पति या पत्नी और उनके दो आश्रित बच्चों को 25 साल की उम्र तक पांच लाख रुपये तक का समूह मेडिक्लेम कवरेज दिया जाता है.
अधिवक्ता बिदेश कुमार दान द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि मार्च 2020 से कोविड-19 के प्रसार और अदालतों के काम न करने/आंशिक कामकाज के कारण अधिवक्ताओं की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई थी और इसलिए अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे संकट की इस अवधि में उनकी मदद करें.
याचिका में कहा गया है कि अधिवक्ता अपनी सनद की शर्तो के अनुसार अन्य दूसरा कोई काम नहीं कर सकते हैं. इसलिए राज्य के सभी जरूरतमंद, नियमित व्यवसायी अधिवक्ताओं को मदद की जानी चाहिए.
याचिका में निम्नलिखित उपायों के लिए प्रार्थना की गई:
याचिका में झारखंड राज्य के अधिवक्ताओं और उनके आश्रितों को चिकित्सा बीमा में शामिल करने और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के कवरेज का विस्तार करने की मांग की गयी है.