To Maintain Impartiality In Case: शनिवार को CAN फाउंडेशन की अगुवाई में 4th जस्टिस एचआर खन्ना राष्ट्रीय स्मारक सिम्पोजियन (संगोष्ठी ) का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम में सम्मिलित जज और छात्रों के बीच बैठक हुई. छात्रों ने जज के सामने अपनी जिज्ञासा रखी, अपने सवाल पूछे.
इस सुखद संगोष्ठी के बीच एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट जस्टिस पीवी संजय कुमार से पूछा कि आप निष्पक्ष होकर मुकदमे की सुनवाई कैसे करते हैं?
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस पीवी संजय कुमार जवाब में कहते हैं कि उनके द्वारा सुने गए मामलों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए, वह इस सरल नियम का पालन करते हैं कि वह खुद उन मामले से अलग कर लेते हैं, जिसमें वह किसी भी वादी या वकील (Litigants Or Lawyer) को दूर से भी जानते हों.
जस्टिस पीवी संजय कुमार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने कार्यकाल को याद किया. जस्टिस ने कहा कि वे उन दिनों 'मेरे सामने नहीं' वाली एक सूची बना रखी थी जिसमें उनके जानने या पहचान के लोग थे. जस्टिस के मुताबिक इस सूची में लिखे गए लोगों के नाम से जुड़े मामले में वे खुद दूरी बनाए रखते थे.
जस्टिस ने बताया,
"बॉम्बे में, मेरे पास 'मेरे समक्ष नहीं' की एक लंबी सूची थी जिसमें वे सभी वकील थे जिनके साथ मैंने काम किया था. इसमें 30 नाम थे."
जस्टिस पीवी संजय कुमार की इस सूची के बारे में जब जस्टिस लोकुर को पता लगी, तो उन्होंने जस्टिस कुमार को अपनी सलाह दी, जिस पर अमल करते हुए जस्टिस कुमार ने अपनी सूची में सुधार किया.
जस्टिस कुमार ने आगे बताया,
"इसे लेकर जस्टिस लोकुर ने मुझसे कहा 'क्या बकवास है, आप कार्यालय के सहकर्मियों आदि की बात सुन सकते हैं लेकिन केवल रिश्तेदारों की मामले नहीं'तो वह सूची घटकर 2 लोगों रह गई. मैं कभी भी किसी ऐसे व्यक्ति का मामला नहीं सुनूंगा जिसे मैं थोड़ा-बहुत भी जानता हूं."
जस्टिस पीवी संजय कुमार ने छात्रों से अपने अनोखे नियम को साझा किया जिससे वे अपने लंबे करियर में जरूर में लाभ प्राप्त करेंगे.