झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री (Jharkhand Former Chief Minister) हेमंत सोरेन राज्य के बजट सेशन में शामिल नहीं होगें. झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की है जिसमें ट्रायल कोर्ट ने हेमंत सोरेन को बजट सत्र में शामिल होने की मांग को खारिज कर दिया था. हेमंत सोरेन अभी ईडी (ED) की हिरासत में है. हाल ही में, ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े (Money Laundering Case) मामले में गिरफ्तार किया है. हेमंत सोरेन राज्य विधानसभा सदस्य (Member of Legislative Assembly) होने के नाते से अपनी बजट सेशन (Budget Session) में शामिल होने की मांग की थी. ये मामला हेमंत सोरेन vs प्रवर्तन निदेशालय का है. [Hemant Soren vs Directorate of Enforcement]
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने इस मांग याचिका को सुना.जस्टिस ने कहा कि एक व्यक्ति जो वैध आदेश के आधार पर हिरासत में है, उसे विधायिका की कार्यवाही में भाग लेने का अपना अधिकार छोड़ना होगा.
बजट सत्र में भाग लेने के लिए हेमंत सोरेन ने अनुच्छेद- 19, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और अनुच्छेद 194, लेजिस्लेटिव विशेषाधिकार (विधायकों को विशेषाधिकार) का दावा किया है. जिस पर कोर्ट ने इस मामले में आरोपों की गंभीरता और मामले में चल रही जांच को देखते इन दावों में आधार में कमी पाई है.
याचिका में दावा किया गया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बजट सेशन में शामिल नहीं होने पर विधानसभा की कार्यवाही भंग हो सकती है. कोर्ट ने टिप्पणी देते हुए ऐसे मामले तब खड़े होते जब राज्य की विधानसभा में सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों की संख्या में मामूली का अंतर हो. झारखंड के मामले में ऐसा नहीं है. झामुमो (JMM) नीत सरकार के पास 47 विधायक है. वहीं, विपक्ष के पास केवल 29 है. ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लागू या गणपूर्ति सदस्यों की संख्या में कमी होने की स्थिति नहीं दिख रही है.
झारखंड विधानसभा में 23 फरवरी से बजट सत्र चालू है, जो 2 मार्च तक चलेगी. झारखंड के मुख्यमंत्री ने बजट सेशन में भाग लेने के लिए ट्रायल कोर्ट में अर्जी दी जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज किया. इस फैसले को सोरेन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को जारी रखा है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है.