नई दिल्ली: हमारे देश से बहुत सारे छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे देशों में जाते हैं. कई बार वहां से आए छात्रों को भारत में अपनी डिग्री को मान्य बनाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि दोनों जगह की पढ़ाई और व्यवस्था में बहुत फर्क है. हाल ही में आपने सुना होगा की बहुत से छात्र युक्रेन गए थे मेडिकल की पढ़ाई के लिए लेकिन युद्ध की वजह से भारत लौटना पड़ा. यहां आने के बाद ऐसे छात्रों को बहुत परेशानी हो रही है अपनी पढाई को पूरा करने के लिए. ऐसा ही एक मामला गुजरात हाई कोर्ट के सामने आया है जहां फिलीपींस में चिकित्सा का अध्ययन करने वाले कुल 46 भारतीयों ने एक रिट याचिका दायर की थी.
गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए एक नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने नोटिस के माध्यम से अनिवार्य रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) विनियम, 2021 के तहत 12 महीने की इंटर्नशिप के बिना स्थायी पंजीकरण के लिए गुजरात मेडिकल काउंसिल को निर्देश जारी करने के लिए आदेश दिया है.
इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस वैभवी डी नानावती की सिंगल जज बेंच ने राज्य सरकार, नेशनल मेडिकल काउंसिल और गुजरात मेडिकल काउंसिल को 26 अप्रैल के लिए नोटिस जारी किया.
अदालत ने कहा, "पूर्वोक्त प्रस्तुतियां पर विचार करते हुए, यह याचिकाकर्ताओं के लिए FMG CRMI (अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप) और अनंतिम पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए खुला है और यह इस याचिका के अंतिम परिणाम के अधीन होगा."
याचिका में यह दावा किया गया है कि 12 वीं कक्षा पूरी करने के बाद, याचिकाकर्ताओं ने फिलीपींस के अलग- अलग विश्वविद्यालयों में चिकित्सा का अध्ययन किया है. इतना ही नहीं उन्होने डॉक्टर ऑफ मेडिसिन का अपना डिग्री कोर्स भी पूरा किया.
यहां बता दे की यह कोर्स भारत में एमबीबीएस के बराबर है. याचिका में यह भी दावा किया गया है कि प्रचलित नियमों और विनियमों के अनुसार साल 2021 से पहले फिलीपींस में 12 महीने के इंटर्नशिप को भी उनके द्वारा पूरा किया गया है.
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि इस तथ्य पर विचार करते हुए कि एनएमसी द्वारा इंटर्नशिप के लिए जारी की गई अधिसूचना 18.11.2021 से लागू हुई और वो लोग 18.11.2021 से पहले ही स्नातक कर चुके हैं. इसलिए यह अधिसूचना उन पर लागू नहीं होगी.
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, पिछले साल गुजरात मेडिकल काउंसिल द्वारा फिलीपींस के विदेशी मेडिकल स्नातक छात्रों को सीआरएमआई के तहत 12 महीनों के इंटर्नशिप के लिए जोर दिए बिना उन्हे स्थायी पंजीकरण प्रदान किया गया था.
याचिकाकर्ताओं ने गुजरात मेडिकल काउंसिल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जानबूझकर उन्हें इंटर्नशिप के लिए मजबूर करने के लिए सीआरएमआई विनियम, 2021 की गलत व्याख्या कर रहे हैं.
अनिवार्य रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) विनियम, 2021 के तहत एमबीबीएस पाठ्यक्रम के 4.5 वर्ष पूरा करने के बाद प्रत्येक मेडिकल स्नातक को न्यूनतम बारह महीने की अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) से गुजरना होगा.
अंतिम वर्ष एमबीबीएस परीक्षा या अगला चरण 1 परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, संबंधित चिकित्सा विश्वविद्यालयों द्वारा इंटर्नशिप पूरा करने के उपरान्त ही उम्मीदवार एमबीबीएस की डिग्री के लिए पात्र हो जाते हैं.
मालुम हो कि एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए नए दिशा-निर्देश बनाने और जारी करने की जिम्मेदारी नेशनल मेडिकल कमीशन की है. पिछले वर्ष, एनएमसी (NMC) ने मेडिकल इंटर्नशिप से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की जिनका पालन करना एमबीबीएस कर रहे हर छात्र के लिए अनिवार्य है.