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'सत्यमेव जयते', कहकर गुजरात हाईकोर्ट ने BJP नेता सहित अन्य छह लोगों को किया बरी, Activist की हत्या से जुड़ा है मामला

सोमवार (06 मई 2024) के दिन गुजरात हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता दीनू सोलंकी सहित अन्य छह लोगों को एक पर्यावरण एक्टिविस्ट की हत्या के आरोपों से बरी किया है

Written by My Lord Team |Published : May 7, 2024 10:35 AM IST

Satyamev Jayate: सोमवार (06 मई 2024) के दिन गुजरात हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता दीनू सोलंकी सहित अन्य छह लोगों को एक पर्यावरण एक्टिविस्ट की हत्या के आरोपों से बरी किया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता दीनू सोलंकी एवं अन्य छह लोगों पर पर्यावरण एक्टिविस्ट अमित जेठवा की हत्या का आरोप लगा था. ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी जिसे गुजरात हाईकोर्ट ने बदलते हुए आरोपियों को सजा से बरी किया है.

गुजरात हाईकोर्ट में बीजेपी नेता दीनू सोलंकी सहित अन्य आरोपियों ने सजा को चुनौती दी थी.

गुजरात ने हाईकोर्ट ने क्या कहा?

गुजरात हाईकोर्ट में जस्टिस जस्टिस एएस सुपेहिया (AS Supehia) और विमल के व्यास (Vimal K Vyas) की बेंच ने इस मामले को सुना. तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करने पर बेंच ने पाया कि कार्यवाही शुरू से ही सजा देने को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित थी.

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बेंच न कहा,

"ट्रायल कोर्ट ने भी सजा देने के पूर्वाग्रह के साथ मुकदमे की कार्यवाही की है."

बेंच ने ये भी कहा,

"घटना स्थल पर पुलिस अधिकारियों के पहुंचने के समय को ध्यान में रखते हुए, यह देखना भयावह और उतना ही आश्चर्यजनक है कि हमलावरों को पकड़ा नहीं गया और वे भाग निकले. यह हमलावरों को पकड़ने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया और तत्परता को दर्शाता है. यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाते हैं कि सच्चाई हमेशा के लिए दफन हो जाए."

अदालत ने पूर्वाग्रह की आलोचना की.

बेंच ने कहा,

"सत्यमेव जयते. सत्य की हमेशा जीत होती है. जांच शुरू से ही स्पष्ट थी."

गुजरात हाईकोर्ट ने आरोपियों को राहत दी है.

क्या है मामला?

अमित जेठवा एक RTI और पर्यावरण एक्टिविस्ट थे. उन्होंने RTI के माध्यम से अवैध खनन की जानकारी की मांग की थी. उन्होंने जानकारी की मांग की.

जुलाई, 2010 में दो अज्ञात लोगों ने अमित जेठवा की गोली मार कर हत्या कर दी. यह घटना गुजरात हाईकोर्ट के गेट के सामने ही हुई थी. हत्या से महीने भर पहले ही उन्होंने गिर के जंगलों के आस-पास चल रही अवैध माइनिंग पर सवाल उठाया था. अमित जेठवा ने एक MP पर भी इस खनन में शामिल होने का आरोप लगाया था.

गुजरात हाईकोर्ट ने घटना की जांच सीबीआई को दी. 11 जुलाई 2019 में स्पेशल कोर्ट, सीबीआई ने सोलंकी, उनके भतीजे सहित अन्य लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सोलंकी सहित अन्य आरोपियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी. गुजरात हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की सजा को बदलते हुए इन लोगों को रिहा कर दिया है.