नई दिल्ली: देश में अपराधिक कानून में व्यापक बदलाव को लेकर केन्द्र सरकार ने तैयारी कर ली है.कानूनों में बदलाव के लिए केन्द्र सरकार ने सभी पक्षकारों के साथ चर्चा शुरू की हैं.
केन्द्रीय गृहमंत्री अजयकुमार मिश्रा ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी है. केन्द्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि देश में सस्ता और त्वरित न्याय प्रदान करने एवं जन केंद्रित विधि ढांचे के विकास के लिए उसने देश के आपराधिक कानूनों में व्यापक बदलाव करने की प्रकिया शुरू कर दी है.
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा सदन में पेश किए गए जवाब के अनुसार इस उद्देश्य से सभी पक्षकारों/हितधारकों के साथ परामर्श की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए कोई नियत समय तय नहीं किया है.
सरकार ने सभी पक्षकारों के साथ परामर्श करके आपराधिक कानूनों अर्थात भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया सहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 में व्यापक संशोधनों के लिए प्रक्रिया शुरू की है.
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने लोकसभा सदस्य पी आर नटराजन, नामा नागेश्वर राव, जगदम्बिका पाल और डॉ. टी आर परिवेन्धर के प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी है.
राज्यमंत्री के अनुसार आपराधिक कानूनों में सुधार के वास्ते सुझाव देने के लिए एलएलयू दिल्ली उपकुलपति की अध्यक्षता में एक समिति गठित का गठन किया गया है.
इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, संघ राज्य क्षेत्रों के उपराज्यपालों और प्रशासकों, देश के मुख्य न्यायाधीश, विभिन्न हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, विभिन्न राज्यों की बार काउंसिलों, विभिन्न विश्वविद्यालयों/विधिक संस्थानों और सभी सांसदों से भी सुझाव मांगे गए है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार, समिति की सिफारिशों और सभी पक्षकारों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक कानून लाने के लिए प्रतिबद्ध है.