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Go First Crisis: NCLAT ने एयरलाइन कंपनी की ऋणशोधन याचिका स्वीकार करने के आदेश को बरकरार रखा

विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां एनसीएलटी की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ के निर्णय का विरोध कर रही हैं. निर्णय के तहत एनसीएलटी ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक ऋणशोधन कार्यवाही के आग्रह वाली याचिका को अनुमति दे दी है.

GO FIRST CRISIS

Written by My Lord Team |Published : May 23, 2023 10:25 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक रूप से ऋणशोधन प्रक्रिया में जाने की याचिका स्वीकार करने के एनसीएलटी के आदेश को बरकरार रखा.

अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने ऋण शोधन कार्यवाही का विरोध कर रही विमान पट्टे पर देने वाली कई कंपनियों से मामले में राहत के लिये राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जाने को कहा.

एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘‘ऋणशोधन कार्यवाही को अनुमति देने वाले 10 मई, 2023 के आदेश को बरकरार रखा जाता है.’’

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अपीलीय न्यायाधिकरण ने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों की चार याचिकाओं पर यह निर्देश दिया. ये कंपनियां हैं...एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लि., जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस बी वी (ईएलएफसी). इन चार कंपनियों ने वाडिया समूह की कंपनी को करीब 22 विमान दिए हुए हैं.

विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां एनसीएलटी की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ के निर्णय का विरोध कर रही हैं. निर्णय के तहत एनसीएलटी ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक ऋणशोधन कार्यवाही के आग्रह वाली याचिका को अनुमति दे दी है.

एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के मामलों को देखने के लिए अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है. साथ ही ऋणशोधन प्रक्रिया के तहत उसके निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया था. गो फर्स्ट ने तीन मई से उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया है.