Formula E-Race Case: तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने फॉर्मूला-ई रेस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करने वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव की याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. हाईकोर्ट ने केटीआर रामा राव (BRS KTR Rama Rao) की अग्रिम जमानत को भी आदेश सुनाए जाने तक बढ़ा दिया. बता दें कि इस मामले में तेलंगाना एसीबी ने फॉर्मूला-ई रेस मामले में रामा राव के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करते हुए आरोप लगाया कि रेस में भुगतान का एक हिस्सा बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में किया गया. एसीबी ने रामा राव को मुख्य आरोपी बनाया है, जबकि अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भी आरोपित किया गया है.
तेलंगाना हाईकोर्ट में जस्टिस के लक्ष्मण ने राज्य सरकार और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है. महाधिवक्ता ए सुदर्शन रेड्डी ने बताया कि व्यावसायिक नियमों और आवश्यक मंजूरी का पालन किए बिना फॉर्मूला ई संगठन को भुगतान किया गया था जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि मामले में कोई आपराधिकता नहीं थी.
तेलंगाना एसीबी ने 19 दिसंबर को बीआरएस सरकार के दौरान हैदराबाद में फॉर्मूला-ई रेस आयोजित करने के लिए कथित भुगतान को लेकर मंत्री रहे रामा राव के खिलाफ मामला दर्ज किया था. ऐसा आरोप है कि भुगतान का एक हिस्सा बिना मंजूरी के विदेशी मुद्रा में था. यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (IPC) की आपराधिक हेराफेरी, आपराधिक कदाचार, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया है. इस हेरफेर के परिणामस्वरूप सरकारी खजाने को लगभग 55 करोड़ रुपये का कथित तौर पर नुकसान हुआ. प्राथमिकी में विधायक रामा राव को मुख्य आरोपी बनाया गया है जबकि वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः दूसरा और तीसरा आरोपी बनाया गया है.
(खबर PTI भाषा के आधार पर लिखी गई है)