नई दिल्ली: गुवाहाटी हाईकोर्ट की इटानगर पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्तियों के बारे में जानकारी छिपाने वाले अरुणाचल प्रदेश के भाजपा विधायक दासंगलू पुल के चुनाव रद्द कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी दासंगलू पुल ने अपने पति की मृत्यु के बाद वर्ष 2016 में उप चुनाव में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी. उसके बाद 2019 में वो हयुलियांग विधानसभा सीट से दोबारा चुनी गईं थी.
वर्ष 2019 में पुल से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार लुपलम क्री ने दासंगलू पुल की जीत को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दायर की थी.
याचिका में दावा किया था कि पुल की उम्मीदवारी काफी हद तक दोषपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने हलफनामे में अपने पति की मुंबई में 4 और अरुणाचल प्रदेश में 2 संपत्तियों की घोषणा नहीं की थी.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में जस्टिस नानी तगिया की पीठ ने कहा कि ‘प्रतिवादी उम्मीदवार ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33 के अनुरूप अपना नामांकन पत्र पेश नहीं किया गया था, इसलिए प्रतिवादी दासंगलू पुल का नामांकन पत्र अधिनियम की धारा 36 (2) (ए) के तहत खारिज किया जाता है.
पीठ ने 25 अप्रैल को दिए अपने फैसले में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजाव जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से दासंगलू पुल के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है.
याचिका में दावा कियाा गया है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने लिखित शिकायत के बावजूद पुल की उम्मीदवारी को गलत तरीके से स्वीकार किया था.
याचिका का जवाब देते हुए भाजपा विधायक ने अदालत से कहा कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के मद्देनजर कलिखो पुल की पहली पत्नी डांगविमसाई पुल उनकी संपत्तियों की मालकिन हैं. इस वजह से उन्होंने चुनावी हलफनामे में इनमें से किसी भी संपत्ति का जिक्र नहीं किया.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद अदालत ने माना कि संपंतियों की जानकारी छुपाना अधिनियम के विरूद्ध है और इसलिए इस चुनाव को रद्द किया जाता है.
अदालत के फैसले के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी दासंगलू पुल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए अपील दायर करने की बात कही है.