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गुवाहाटी हाई कोर्ट के दो एडिशनल जस्टिस कर्दक एते और मृदुल कुमार की पदोन्नति, बने स्थायी जज

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पदोन्नति के लिए न्यायमूर्ति कर्दक एते और न्यायमूर्ति मृदुल कुमार कालिता के नामों की सिफारिश सात जनवरी के दिन की थी.  एडिशनल जजों को आमतौर पर दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उसके बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया जाता है.

जस्टिस कर्दक एटे और मृदुल कुमार बने स्थायी जज

Written by Satyam Kumar |Published : January 18, 2025 1:56 PM IST

गुवाहाटी हाई कोर्ट के दो एजिशनल जजों न्यायमूर्ति कर्दक एते और न्यायमूर्ति मृदुल कुमार कालिता को शुक्रवार को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है. इस बात की जानकारी विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पदोन्नति के लिए इन नामों की सिफारिश सात जनवरी के दिन की थी.  एडिशनल जजों को आमतौर पर दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उसके बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया जाता है.

जस्टिस कर्दक एटे का अब तक का करियर

09 अप्रैल 1975 को अरुणाचल प्रदेश के पया गांव में जन्मे जस्टिस कर्दत एते ने अपनी शिक्षा और करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किया हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, आलौ से प्राप्त की और 1995 में दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज से स्नातक की डिग्री पूरी की. इसके बाद, उन्होंने लॉ की डिग्री प्राप्त करने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में दाखिला लिया.

साल 1999 में, वे असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना एनरोलमेंट कराया. 2010-2011 में गुवाहाटी हाई कोर्ट के स्थायी बेंच बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर काम किया. 2014 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया. उन्होंने 2011 में अरुणाचल प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्यभार संभाला और 2016 में वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता बने. 2021 में, वे कार्यवाहक महाधिवक्ता के रूप में नियुक्त हुए.

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जस्टिस कर्दक एते को 13 मार्च 2023 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया. केन्द्र सहमति मिलने के बाद वे परमानेंट जज बनाए जाएंगे.

जस्टिस मुदृल कुमार कलिता का अब तक का सफर

2 जुलाई 1968 को गुवाहाटी में जन्मे जस्टिस मुदृल कुमार कलिता बचपन असम के कामरूप (मेट्रो) जिले के धरापुर गांव में बीता. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली कैंट, बेंगडुबी और बोरझर (गुवाहाटी) के केन्द्रीय विद्यालयों में प्राप्त की.

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में, उन्होंने आर्य विद्या पीठ कॉलेज, गुवाहाटी से बी.एससी. की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, उन्होंने 1994 में गुवाहाटी विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की. 1997 में, उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री प्राप्त की.

कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 23 सितंबर 1994 को असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के बार काउंसिल के तहत एक वकील के रूप में पंजीकरण कराया. उन्होंने जिला अदालतों में लगभग चार वर्षों तक वकालत की. इसके बाद, वे 1998 में गुवाहाटी के जे.बी. लॉ कॉलेज में व्याख्याता के रूप में कार्यरत रहे.

2000 में, उन्होंने असम न्यायिक सेवा में चयनित उम्मीदवारों की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और 10 मई 2000 को इस सेवा में शामिल हुए. उन्होंने विभिन्न स्थानों पर असम न्यायिक सेवा में विभिन्न पदों पर कार्य किया. वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में भी विभिन्न भूमिकाओं में कार्यरत रहे.

गुवाहाटी हाई कोर्ट में पदोन्नति के समय, वे एक सुपर टाइम स्केल जिला एवं सत्र न्यायाधीश थे और जोरहाट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे.