सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एक बार में 11 महिला वकीलों को सीनियर एडवोकेट का पदनाम दिया. कोर्ट ने 56 वकीलों को एडवोकेट से सीनियर एडवोकेट बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा साल, 2019 में किया, जब 37 वकीलों में 6 महिलाओं को सीनियर एडवोकेट बनाने का फैसला लिया.
सीनियर एडवोकेट के लिए नामित 11 महिला वकीलों की सूची इस प्रकार है: 1) एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) शोभा गुप्ता, 2) एओआर स्वरूपमा चतुर्वेदी, 3) एडवोकेट निशा बागची, 4) एओआर उत्तरा बब्बर, 5) एडवोकेट हरिप्रिया पद्मनाभन, 6) एओआर लिज़ मैथ्यू (एंथ्रेपर), 7) एडवोकेट करुणा नंदी, 8) एओआर अर्चना पाठक दवे, 9) एडवोकेट एनएस नप्पिनई, 10) एओआर एस जननी और 11) एओआर शिरीन खजूरिया.
सीनियर एडवोकेट के बारे में विशेष
सीनियर एडवोकेट के लिए नामित शोभा गुप्ता, मानवाधिकार से जुड़े मामलों की जानकार है. गुप्ता ने गुजरात दंगे की पीड़िता बिल्किस बानो का केस लड़ा. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो केस के 11 दोषियों की जमानत को रद्द कर जेल में सरेंजर करने को कहा.
एओआर स्वरूपा चर्तुवेदी ने साल, 2000 में वकील के तौर पर खुद को पंजीकृत कराया. और साल, 2012 में एडवोकेट-ऑन-रिकार्ड बनी. स्वरूपा चर्तुवेदी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की स्थायी वकील है. अपने कैरियर में साल, 2020 से 2023 तक मध्य प्रदेश सरकार की एडिशनल एडवोकेट जनरल रहीं. और सहायक प्रोफेसर भा रहीं.
एओआर लिज मैथ्यू (एंथ्रेपर) ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, बेंगलुरु से स्नातक है. लिज ने पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ-साथ सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज इंदु मल्होत्रा के साथ चैंबर जूनियर के रूप में काम किया. साथ ही लिज 5 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में केरल राज्य की स्थायी वकील के तौर पर काम किया.
करुणा नंदी सुप्रीम कोर्ट में वकील है. सेंट स्टीफेंस से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के साथ-साथ कैम्ब्रिज और कोलंबिया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है. कानून के क्षेत्र में करूणा नंदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है. साल, 2022-23 में टाइम्स मैगजीन ने दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया.
पदनाम मिलने पर वकीलों की प्रतिक्रिया
'सीनियर एडवोकेट' पदनाम मिलने पर महिला वकीलों ने खुशी जताई है. इन महिला वकीलों ने पदनाम के सुप्रीम कोर्च का धन्यवाद ज्ञापन किया है.