ED On Arvind Kejriwal: चुनावी रैली में अरविंद केजरीवाल ने अपील किया था कि अगर पब्लिक INDIA ब्लॉक को समर्थन देती है, तो उन्हें दोबारा से जेल नहीं जाना पड़ेगा. अरविंद केजरीवाल के इस बयान से तुल छिड़ी, प्रतिद्वंदियों ने यहां तक कहा कि ये सरासर अदालत की अवमानना है. ED ने सुप्रीम कोर्ट को भी बताया कि आपने राहत को दी लेकिन वे तो पूरी सिस्टम को तमाचा लगाने की लगाने की बात कह रहें है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वे इन बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं. अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका बरकरार रहेगी. बता दें कि आज यानि 16 मई के दिन सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई की. याचिका ED की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने से जुड़ा है.
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की डिवीजन बेंच ही सुन रही है. सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ईडी की ओर से पेश हुए.
तुषार मेहता ने कहा,
''वह (केजरीवाल) कहते हैं कि अगर आप झाड़ू (आप का चुनाव चिह्न) को वोट देंगे तो मुझे दो जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा. वह ऐसा कैसे कह सकते हैं?''
तुषार मेहता ने केजरीवाल के बयान को 'सिस्टम के मुंह पर तमाचा' मारने के जैसा बताया है.
तुषार मेहता ने ये भी कहा,
"यह याचिकाकर्ता द्वारा सिस्टम पर एक तमाचा है. याचिकाकर्ता खुद को एक विशेष व्यक्ति मानता है. लेकिन हम उसे किसी अन्य व्यक्ति के रूप में मानते हैं. कृपया देखें कि उसने पहले दिन क्या कहा था. आपके सामने स्पष्ट कहा था कि वह मामले के बारे में कुछ नहीं कहेंगे."
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा,
"यह उनकी (केजरीवाल की) धारणा है, हम नहीं जानते. हमने जो महसूस किया वह उचित था."
जस्टिस खन्ना ने स्पष्ट करते हुए कहा कि हम किसी को अपवाद नहीं बना रहे हैं. हम इस विवाद में और नहीं पड़ेंगे.
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने अमित शाह के दिए बयान का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हलफनामा दायर करके इस बयान को अदालत के सामने रखेंगे.
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा,
"हम फैसले के सकारात्मक आलोचना का स्वागत करते हैं."
सुनवाई आगे के लिए टल गई है.