आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में राष्ट्रीय हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ आरोप पत्र (Chargesheet) दायर किया है. इस चार्जशीट में जांच एजेंसी ने कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. चार्जशीट दायर करने के बाद अब राऊज एवेन्यू कोर्ट इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जेस की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 25 अप्रैल को सुनवाई करेगी. बता दें कि यह मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, उनकी संबद्ध कंपनियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दायर शिकायत पर आधारित है. यह शिकायत धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धाराओं 44 और 45 के तहत दायर की गई है. इसमें धन शोधन के अपराध का उल्लेख है, जिसे धारा 3 के तहत परिभाषित किया गया है.
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि ईडी के वकील के अनुसार, प्राथमिक अपराध, जिसका रिकॉर्ड शिकायत संख्या 18/2019 के तहत दर्ज किया गया है, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 403, 406 और 420 के तहत आरोपों को भी आकर्षित करता है. अदालत ने कहा कि पीएमएलए की धारा 44(1)(c) के अनुसार, अपराध की सुनवाई उसी अदालत में की जानी चाहिए जिसने पीएमएलए की धारा 3 के तहत धन शोधन (Money Laundering) के अपराध को स्वीकार किया है. राष्ट्रीय हेराल्ड मामला दिल्ली की अदालत में सुनवाई के अधीन है, सो अदालत इस मामले को, दोबारा से, 25 अप्रैल को सुनेगी.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को बताया कि उन्होंने कांग्रेस से जुड़े अखबार और एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड से जुड़ी जांच के तहत 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों पर कब्ज़ा करने के नोटिस जारी किया है. जांच एजेसी ने संबंधित संपत्तियों के रजिस्ट्रार को दस्तावेज़ सौंपे और दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा (पूर्व) क्षेत्र और लखनऊ में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड की इमारत पर नोटिस चस्पाया. नोटिसों में मुख्य रूप से ED द्वारा संपत्तियों पर कब्ज़ा करने की बात कही है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 8 और नियम 5 (1) के तहत की गई है, जो ED द्वारा जब्त की गई और न्यायाधिकरण द्वारा पुष्ट संपत्तियों पर कब्ज़ा करने की प्रक्रिया से संबंधित है.
इससे पहले ED ने नवंबर 2023 में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां और 90.2 करोड़ रुपये के एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के शेयर जब्त किया था; वहीं, अप्रैल 2024 में न्यायाधिकरण ने इस आदेश की पुष्टि की. ED के अनुसार, इस मामले में कुल अपराध की आय 988 करोड़ रुपये है.