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Carry Bag पर चार्ज लगाना पड़ा मंहगा, Vishal Mega Mart पर कंज्यूमर कोर्ट ने लगाया भारी जुर्माना

कंज्यूमर फोरम ने माना कि खुदरा व्यवसायों में ग्राहकों की सुविधा के लिए कैरी बैग मुफ्त देना प्रचलित है और विशाल मेगा मार्ट का कैरी बैग के लिए चार्ज करना अनुचित व्यापारिक व्यवहार (Unfair Trade Practice) है.

Vishal Mega Mart

Written by Satyam Kumar |Published : April 19, 2025 7:38 PM IST

मॉल में समान खरीदे और कैरी बैग ना दें, ऐसा होना थोड़ा मुश्किल है. कई जगह आपसे पूछा भी जाता है कि कैरी बैग आपको लेना है या नहीं, और भले ही कैरी बैग के सहारे कंपनी अपना प्रचार कर रही हो, लेकिन कैरी बैग लेने पर वह आपको चार्ज करेगी. हालांकि, कैरी बैग लेना ना लेना आपकी इच्छा के ऊपर है, और अगर मॉल आपको जबरदस्ती कैरी बैग दे, तो आप क्या करेंगे? ऐसा ही एक मामला कंज्यूमर फोरम के पास आया, जहां कस्टमर ने कैरी बैग (Carry Bag) नहीं खरीदा, फिर भी मॉल की ओर से कैरी बैग थमाते हुए पैसे काटे गए. आइये जानते हैं कि कंज्यूमर कोर्ट ने मॉल पर कितना जुर्माना लगाया है... 

क्या है मामला?

पीड़ित ग्राहक शशि कांत शुक्ला ने विशाल मेगा मार्ट से 599 रुपये की कमीज खरीदी, पेमेंट के वक्त मॉल ने कुल बिल 616 रुपये का हिसाब बनाया. शुक्ला ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें कैरी बैग की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें इसका भुगतान करने के लिए मजबूर किया, परिणामस्वरूप उन्हें 616 रूपये देने पड़े. ग्राहक ने इस बात की शिकायत कंज्यूमर फोरम में की.

कंज्यूमर फोरम ने लगाया जुर्माना

उपभोक्ता के शिकायत के निवारण के लिए कंज्यूमर फोरम आयोग की अध्यक्षता नीलकांत सहाय ने की, जबकि सदस्यों के रूप में सोनिया सिंह और कुमार राघवेंद्र सिंह शामिल हुए. लखनऊ के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने विशाल मेगा मार्ट के इस कृत्य को अनुचित व्यापारिक व्यवहार और सेवा में कमी का दोषी पाया क्योंकि उसने उपभोक्ता से बिना उसकी पूर्व सहमति के कैरी बैग के पैसे लिए थे. दूसरी ओर 'विशाल मेगा मार्ट' ने सुनवाई में भाग नहीं लिया, जिसके कारण मामला एकतरफा सुनवाई के तहत आगे बढ़ा.

जिला आयोग ने कहा कि खुदरा व्यापार में यह सामान्य प्रथा है कि कैरी बैग को ग्राहकों की सुविधा के लिए मुफ्त में प्रदान किया जाता है. आयोग ने 'बिग बाजार (फ्यूचर रिटेल लिमिटेड) बनाम साहिल डावर (2020)' के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा था कि कैरी बैग के लिए शुल्क लगाना सेवा में कमी और असमान व्यापार प्रथा है. उपभोक्ता अदालत के अनुसार, बिना उपभोक्ता की सहमति के कैरी बैग के पैसे लेना अनुचित व्यापारिक व्यवहार (Unfair Trade Practice) और सेवा में कमी (Deficiency In Service) है. कंज्यूमर फोरम ने कहा कि यह प्रचलित खुदरा मानदंडों के विरुद्ध है जहां सामान की पैकिंग मुफ्त में दी जाती है.

इसलिए जिला आयोग ने विशाल मेगा मार्ट के 18 रुपये के बैग के लिए शुल्क को असमान व्यापार प्रथा और सेवा में कमी माना. आयोग ने विशाल मेगा मार्ट को आदेश दिया कि वे 45 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता को 18 रुपये वापस करें, साथ ही बैग के लिए शुल्क लेने की तारीख' से भुगतान की तारीख तक 9% वार्षिक ब्याज भी दें. साथ ही विशाल मेगा मार्ट को पीड़ित व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक तनाव के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा और कानूनी खर्चों के लिए 10,000 रुपये का भुगतान भी करने के आदेश दिए गए हैं. यदि वे मुआवजे और कानूनी खर्चों का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें उक्त राशि पर 12% वार्षिक ब्याज का भुगतान करना होगा.