Dhananjay Singh: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के चुनाव लड़ने के अटकलों पर अब रोक लग गई है. कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया है. धनंजय सिंह को सात साल जेल की सजा के साथ-साथ डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना भी लगा है. पूर्व सांसद के खिलाफ अपहरण, पिस्टल दिखाकर रंगदारी वसूलने का आरोप था. कोर्ट ने मामले में धनंजय सिंह और उनके साथी संतोष विक्रम को दोषी पाया है.
एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश शरद कुमार त्रिपाठी ने मामले को सुना. पिछली सुनवाई के दौरान, जज ने मौजूद सबूतों और तथ्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी पाया. वहीं, आज दोनों की मुकर्रर की गई है.
धनंजय सिंह और उनके साथी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण के मामले में आजीवन कारावास या 10 वर्ष के लिए कठोर कारावास और जुर्माना), धारा 386 (रंगदारी मांगने के आरोप में 10 वर्ष व जुर्माना), धारा 120-बी (षडयंत्र), धारा 504(दो वर्ष कारावास या जुर्माना) और धारा 506 (अधिकतम सात वर्ष व न्यूनतम दो वर्ष की सजा व जुर्माना या दोनों) के तहत सजा सुनाई गई है. दोनों को सात साल की सजा और डेढ़ लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है.
धनंजय सिंह ने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.धनंजय सिंह ने कहा कि उन्होंने नमामि गंगे प्रोजेक्ट में हो रही भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाया, जिसकी वजह से मुझे यह सजा मिली है.
10 मई, 2020 के दिन, मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने धनंजय सिंह और उनके साथी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. वादी ने धनंजय सिंह के खिलाफ अपहरण, रंगदारी सहित अन्य आरोप लगाया. पुलिस ने सूचना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की. आरोपी धनंजय सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया. ट्रायल कोर्ट ने जमानत की मांग भी खारिज कर दी. उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली. अब कोर्ट ने इन आरोपों को सही पाते हुए दोषी करार दिया