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चंडीगढ़ पुलिस ने डेंटिस्ट का अपहरण किया था या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने CBI को पता लगाने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों के खिलाफ डेंटिस्ट के अपहरण के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है

Supreme Court ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को Chandigarh Police पर लगे Dentist के अपहरण के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है

Written by Satyam Kumar |Updated : August 25, 2024 12:01 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों के खिलाफ डेंटिस्ट के अपहरण के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत का यह आदेश केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ द्वारा पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मार्च 2023 के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया है, जिसमें चंडीगढ़ पुलिस कर्मियों द्वारा डेंटिस्ट मोहित धवन के कथित अपहरण की जांच के लिए पंजाब पुलिस की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया था.

पुलिस ने डॉक्टर का अपहरण किया! घटना की स्वतंत्र रूप से जांच करेगी CBI

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने 6 अगस्त के अपने आदेश में कहा कि मामले को जांच स्वतंत्र जांच के लिए सीबीआई को दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है, जिसमें एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया गया था.सीबीआई को जांच का आदेश देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले ने संविधान और कानूनों का घोर उल्लंघन किया है और आरोप व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं.

अदालत ने कहा,

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 "हमारा मानना ​​है कि यद्यपि यह मामला विदेशी नागरिकों की शिकायत से उत्पन्न हुआ है, जो एक समय डॉक्टर के मरीज थे, लेकिन उसके बाद इस मामले में संविधान और कानूनों का घोर उल्लंघन किया गया है और इसलिए आरोपों के बारे में सभी संदेहों को दूर करने के लिए एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं."

अदालत ने सीबीआई से यह भी पता लगाने को कहा कि क्या धवन की गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर उसे स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था और क्या पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकी गिरफ्तारी, अपहरण के बराबर है.

पूरा मामला क्या है?

यह मामला विदेशी नागरिकों द्वारा धवन के खिलाफ लगाए गए आरोपों से शुरू हुआ है, जिसमें उन पर इलाज के लिए अत्यधिक शुल्क लेने का आरोप लगाया गया था. इन आरोपों के चलते चंडीगढ़ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देते हुए पंजाब पुलिस प्रमुख को यूटी पुलिस कर्मियों द्वारा उनके कथित अपहरण की जांच के लिए एसआईटी गठित करने को कहा.

धवन ने आरोप लगाया था कि जब वह मजिस्ट्रेट की अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने गए थे, तो चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया था, जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें किसी अन्य मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.