उत्तराखंड के नैनीताल में 70 वर्षीय उस्मान के 12 वर्षीय बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने की घटना सामने के बाद हिंसा भड़क गई. हिंसा पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति पर एक तरफ बलात्कार के आरोप लगे हैं, हालात नाजुक हैं, उस दौरान उसे घर गिराने का नोटिस भेजने से स्थिति और बिगड़ी. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि इस तरह नोटिस जारी करने से स्थिति और बिगड़ी मानो इसने आग में घी डालने जैसा काम किया है.
चीफ जस्टिस जी. नारेंदर और जस्टिस रविंद्र मैथानी की खंडपीठ ने कहा कि नगर पालिका के कार्यकारी अधिकारी का यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अपमान है. इसे सुनकर नैनीताल नगर निगम ने अदालत के समक्ष 62 लोगों, जिनमें आरोपी भी शामिल हैं, को नोटिस जारी करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी. नगर पालिका ने कहा कि इन नोटिसों को वापस लिया जाएगा. अदालत ने पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी की पत्नी के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि नैनीताल के नागरिकों को भी उसी तरह की सोच अपनानी चाहिए. उन्हें अपने गुस्से को किसी समुदाय या आरोपी पर नहीं उतारना चाहिए. नगर पालिका के बयान को दर्ज करते हुए अदालत ने इस मामले को अगले मंगलवार के लिए टाल दिया है.
नैनीताल दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद उस्मान को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. सुनवाई के लिए उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आरोपी मोहम्मद उस्मान को पोक्सो कोर्ट में पेश किया गया. खबरों की मानें तो कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपी को वकीलों ने पीटने की कोशिश की, लेकिन भारी सुरक्षा के बीच उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस दौरान मौजूद वकीलों ने कहा कि इस तरह के मानसिकता वाले लोगों की पैरवी नहीं की जानी चाहिए.
अल्पसंख्यक समुदाय के 60 वर्षीय व्यक्ति द्वारा नाबालिग लड़की से कथित दुष्कर्म के बाद पर्यटन नगरी नैनीताल में सांप्रदायिक तनाव भड़क गया था. पेशे से ठेकेदार उस्मान नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया है. अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को जनता से अपील करनी चाहिए और गश्त तेज करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नैनीताल के बनभूलपुरा क्षेत्र में तनाव नहीं बढ़े. पिछले साल फरवरी में एक मदरसा ढहाए जाने के बाद बनभूलपुरा में कई हिंसक घटनाएं हुई थीं. उप महाधिवक्ता जेएस विर्क ने अदालत को सूचित किया कि नैनीताल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी पुलिस बल तैनात किया गया है और हल्द्वानी, कालाढूंगी और भीमताल की ओर से नैनीताल आने वाले वाहनों की जांच की जा रही है. अदालत के निर्देशेां के बाद नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद मीणा ने जनता से शांति बनाए रखने के लिए कई अपील की है. कुछ हिंदू संगठनों ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन किया. मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की कुछ दुकानों में तोड़-फोड़ की गई. प्रदर्शनकारियों ने आरोपी को फांसी पर लटकाए जाने की मांग की. इसके साथ व्यापार मंडल ने भी अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया और दोषी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की.