नई दिल्ली:दिल्ली मेयर चुनाव 16 फरवरी को कराने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की मंजूरी के एक दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अब बड़ा आदेश दिया है.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आप नेता की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने स्पष्ट किया कि मनोनित पार्षद चुनाव में हिस्सा नही लेंगे. और ये एएसजी स्पष्ट करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में 17 फरवरी शुक्रवार को सुनवाई करेगा और तब तक मेयर के चुनाव नहीं होेगे.
सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि मेयर चुनाव में मनोनित सदस्य मतदान नहीं कर सकते. सीजेआई की पीठ आप नेता और मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 243आर इसे स्पष्ट करता है कि मनोनित सदस्य मेयर के चुनाव में भाग नही ले सकते.
सीजेआई ने दिल्ली उपराज्यपाल की ओर से पैरवी कर रहे एएसजी संजय जैन को संबोधित करते हुए कहा कि मनोनीत सदस्यों को मतदान नहीं करना चाहिए, यह बहुत अच्छी तरह से दर्शाया गया है.
उपराज्यपाल की ओर से एएसजी जैन ने कहा कि इस मुद्दे पर उनके कुछ है. वही अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने भी इसे एक विचारणीय मुद्दा बताया. न्यायालय समय समाप्ति के चलते सीजेआई ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार 17 फरवरी को सुनवाई करने पर सहमति दी. एएसजी ने भी 16 फरवरी को होने वाले चुनाव को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक स्थगित करने पर सहमति जताई।