नई दिल्ली: ‘कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज' में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनुमति मांगने वाली याचिका पर 28 जुलाई को सुनवाई होगी. पिछले महीने ही पर्यटन विभाग के एक प्रॉफेसर ने उनके विभाग में अनारक्षित श्रेणी के पदों को हटाकर अधिकारियों ने शिक्षण रोस्टर में “जानबूझकर गड़बड़ी” करने के आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी.
इसके बाद उच्च न्यायालय ने पिछले महीने कॉलेज से कहा था कि पर्यटन विभाग के एक सहायक प्रोफेसर की याचिका के बाद कोई भी नियुक्ति करने से पहले अनुमति ली जाए.
इसपर कॉलेज ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि, याचिकाकर्ता रवींद्र सिंह कुशवाहा ने “गलत तथ्य प्रस्तुत किए हैं याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि ‘हेरफेर’ किए गए शिक्षण रोस्टर के मद्देनजर तदर्थ सहायक प्रोफेसरों की सेवा को “मनमाने और गलत” तरीके से समाप्त कर दिया गया है।उक्त रोस्टर के मद्देनजर पर्यटन विभाग में अनारक्षित श्रेणी के लिए कोई पद नहीं छोड़ा गया है।
याचिका में दावा किया गया है कि इससे याचिकाकर्ता को पर्यटन विभाग में अनारक्षित श्रेणी के तहत रिक्त पदों के लिए आवेदन करने का अवसर भी गंवाना पड़ा।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने नोटिस जारी करते हुए 25 मई को नोटिस जारी किया और अगली सुनवाई तक याचिकर्ता की सेवाएं न समाप्त करने का निर्देश दिया.न्यायमूर्ति ने कहा था, “यदि कॉलेज कोई नियुक्ति करने के लिए आगे बढ़ता है तो उसे पहले इसके लिए अदालत की अनुमति लेनी होगी। याचिका पर अगली सुनवाई 28.07.2023 को होगी।”