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आप नेता सत्येन्द्र जैन की जमानत पर Delhi High Court आज सुनाएगा फैसला

सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है. जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.

Written by Nizam Kantaliya |Published : April 6, 2023 4:01 AM IST

नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ​करीए 11 माह से जेल में बंद आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगा.

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा सुबह 10.30 बजे ये फैसला सुनाएंगे. हाईकोर्ट ने ईडी और आप नेता के वकील की दलीलें सुनने के बाद 21 मार्च को जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.

सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. जैन पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिये धन शोधन करने का आरोप लगा है. जैन 12 जून 2022 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.

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जैन की ओर से हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 17 नवंबर, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी जमानत याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह प्रथम दृष्टया अपराध की आय को छिपाने में शामिल थे.

ईडी ने 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन को गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई के दर्ज मामले में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत मिल चुकी है.

ट्रायल कोर्ट ने वैभव जैन और अंकुश जैन को भी यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने जानबूझकर अपराध छिपाने में सत्येंद्र जैन की सहायता की और मनी लॉन्ड्रिंग के प्रथम दृष्टया दोषी थे. इन दोनों अभियुक्तों की जमानत याचिकाओं पर भी हाईकोर्ट अपना आदेश सुनाएगा.

अंकुश जैन व वैभव जैन की जमानत पर भी फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले में अन्य आरोपी अंकुश जैन व वैभव जैन की जमानत याचिका पर भी फैसला सुनाएगी. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी और जैन के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद 22 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ईडी ने किया था विरोध

दिल्ली हाईकोर्ट में जैन की जमानत याचिका पर ईडी ने विरोध किया था.सुनवाई के दौरान ईडी ने जैन को जमानत मिलने पर गवाहों की जान को खतरे की आशंका बताते हुए कहा था कि जैन बड़े राजनीतिक पद पर रह चुके हैं और वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं। इसलिए उन्हें जमानत मिलने से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.