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Google LLC सहित कई operating channels को दिल्ली हाईकोर्ट का समन, आराध्या बच्चन से जुड़े वीडियो साझा करने पर रोक

अभिषेक बच्चन की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में यूट्यूब टैब्लॉयड के खिलाफ एक्शन लेने का अनुरोध किया गया था. अभिषेक ने याचिका में कहा कि उनकी बेटी माइनर हैं। उनके खिलाफ ऐसी नेगेटिव खबरें परेशान करती है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : April 20, 2023 12:09 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अभिनेता अभिषेक बच्चन द्वारा अपनी बेटी के स्वास्थ्य के बारे में कथित रूप से फर्जी खबरें फैलाने के मामले दायर मुकदमे में गूगल एलएलसी और यूट्यूब पर चैनलों का संचालन करने वाली कई संस्थाओं को समन जारी किया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने आराध्य बच्चन के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य का दावा करने वसले वीडियो साझा करने पर भी रोक लगाने के आदेश दिये है.

कोर्ट ने अंतरिम निर्देश जारी करते हुए कहा कि Google LLC कानून में कर्तव्यबद्ध है कि वह बिचौलियों से संबंधित संपूर्ण वैधानिक व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करे, जिसमें आईटी नियम 2021 शामिल है।

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ऐश्वर्या—अभिषेक की बेटी आराध्या बच्चन (Aaradhya Bachchan) को लेकर हाल ही सोशलमीडिया पर कई फेक न्यूज प्रसारित हुई है.

जिसे लेकर अभिषेक बच्चन की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में यूट्यूब टैब्लॉयड के खिलाफ एक्शन लेने का अनुरोध किया गया था. अभिषेक ने याचिका में कहा कि उनकी बेटी माइनर हैं। उनके खिलाफ ऐसी नेगेटिव खबरें परेशान करती है.

सम्मान का हकदार

जस्टिस सी हरि शंकर ने ये आदेश देते हुए कहा कि हर बच्चा सम्मानजनक व्यवहार का हकदार है चाहे वह एक सेलिब्रिटी का बच्चा हो या एक आम आदमी का.

दिल्ली हाईकोर्ट ने YouTube चैनल आराध्या बच्चन के बारे में झूठे दावों के साथ वीडियो प्रसारित करने पर रोक लगा दी है.

जस्टिस सी हरि शंकर ने अभिषेक बच्चन की एक याचिका पर सभी प्रतिवादी को नोटिस जारी करते हुए यूट्यूब चैनलों को उनके सहयोगियों के साथ वाद में पहचान किए गए वीडियो को प्रसारित करने से रोकने के आदेश दिए है.

पीठ ने अपने आदेश में कहा प्रतिवादियों को ऐसे किसी भी वीडियो को प्रकाशित करने, अपलोड करने या प्रसारित करने से रोका जा रहा है जो उपरोक्त यूआरएल के विषय वस्तु बनाने वाले वीडियो के समान या सामग्री में समान हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि इसमें भौतिक से संबंधित सभी वीडियो शामिल होंगे

पीठ ने कहा कि प्रतिवादियों को वादी के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित इंटरनेट पर उपलब्ध किसी भी मंच पर प्रसारित करने से पूरी तरह से रोक दिया गया है.

इसके साथ ही पीठ ने Google ने आराध्या बच्चन से जुड़े वीडियो या खबरों के URLs को निष्क्रिय करने के आदेश दिए है.

पीठ ने केंद्र सरकार को भी आराध्या से जुड़ी सभी सामग्री के साथ-साथ समान सामग्री वाले किसी अन्य समान वीडियो या क्लिप तक पहुंच रोकने के निर्देश दिए है.

कानूनन पूरी तरह अस्वीकार्य

पीठ ने अपने आदेश में कहाा कि यह पहली बार नहीं था कि किसी सेलिब्रिटी के बारे में इस तरह की भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जहां जानकारी एक बच्चे से संबंधित है, यह बच्चे के प्रति पूरी उदासीनता के साथ विकृत विकृति को दर्शाता है.

पीठ ने कहा हर बच्चे को सम्मान और सम्मान के साथ व्यवहार करने का अधिकार है चाहे वह सेलिब्रिटी या सामान्य व्यक्ति का बच्चा हो। बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी प्रसारित करना कानून में पूरी तरह से अस्वीकार्य है।"

आराध्या बच्चन और अभिषेक बच्चन ने विभिन्न YouTube चैनलों और जॉन डो प्रतिवादियों (अज्ञात लोगों) को बच्चन परिवार के नाम को धूमिल करने वाली सामग्री प्रकाशित करने से रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

बच्चन परिवार ने तर्क दिया कि उन्हें YouTube पर कई वीडियो मिले हैं जिनमें दावा किया गया था कि आराध्या गंभीर रूप से अस्वस्थ थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एक वीडियो में तो यहां तक दावा किया गया कि उनकी मौत हो गई है. वीडियो में आगे आरोप लगाया गया है कि बच्चन परिवार ने बच्चे को शीघ्र चिकित्सा प्रदान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया.