Delhi Excise Policy Case: तय समय के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, उच्च न्यायालय तकरीबन शाम 4 बजे के आसपास अपना फैसला सुनाएगी. ईडी के बाद इस मामले में CBI ने भी एंट्री ले ली है. न्यायालय के सामने जांच एजेंसी की ओर से सॉलिसीटर एसवी राजू, तो याचिकाकर्ता अरविंद केजरीवाल की तरफ से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा. आइये जानते हैं कि सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने क्या दलीलें दी हैं…
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना है. सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है. वहीं, शाम चार बजे के करीब अदालत अपना फैसला सुनायेगी.
सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी गिरफ्तारी को लेकर शुरू से आपत्ति जताई. सीनियर वकील ने कहा. कस्टोडियल इंटोरेगेशन तब की जाती है, जब कोई सहयोग नहीं कर रहा हो. ईडी क्यों आचार संहिता के लागू होने के बाद मेरी गिरफ्तारी चाहती हैं? अभी तो आप (ईडी) में संलिप्तता को लेकर अभी भी संदेह में हैं.
सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल का पक्ष रखते हुए कहा. आचार संहिता लागू होने के बाद मेरी गिरफ्तारी हुई है. ऐसे करके चुनाव लड़ने के समान अधिकार को बाधित कर रहे हैं, लोकतंत्र के हृदय पर चोट करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. न्यायालय से गुजारिश है कि वे मुझे रिहा कर दें, मेरी गिरफ्तारी भी त्रुटीपूर्ण है. ये मेरी आपसे गुजारिश है.
सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा. हमें कल ही याचिका की कॉपी मिली है. हम इसपे अपना विस्तृत जबाव देना चाहते हैं. इसके लिए हमें कुछ समय चाहिए.
चर्चा है कि 28 मार्च के दिन रिमांड पूरी होने पर सीबीआई भी केजरीवाल की कस्टडी की मांग कर सकती हैं. ईडी के अनुरोध पर अरविंद केजरीवाल को न्यायिक कस्टडी में भेजा गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद को ईडी ने 21 मार्च 2024 के दिन गिरफ्तार किया है. आरोप शराब नीति मामले में पैसों की लेन-देन में हेराफेरी का है. ED ने प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. यह कार्रवाई दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज करने के बाद ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया.