दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व आप काउंसलिर ताहिर हुसैन की अंतरिम ज़मानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा है. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि हम चैंबर में आदेश लिखवाएंगे. कोर्ट का आदेश कुछ देर बाद आने की उम्मीद है. पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन अब मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से AIMIM पार्टी के उम्मीदवार है. उन्होंने चुनाव नामांकन और चुनाव प्रचार के लिए 14 जनवरी से 9 फरवरी तक अंतरिम ज़मानत की मांग की है.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए एएसजी चेतन शर्मा ताहिर हुसैन दिल्ली दंगो की मुख्य आरोपी है. वो UAPA केस में मास्टरमाइंड है और कई लोगों की मौत का जिम्मेदार है. दिल्ली पुलिस ने अपनी दलीलों के समर्थन में अमृतपाल सिंह का उदाहरण दिया, जिसने असम की डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए नामांकन दाखिल किया था. एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि ताहिर हुसैन की तुलना अरविंद केजरीवाल से की नहीं की जा सकती. केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए ज़रूर ज़मानत मिली थी. केजरीवाल एक पार्टी के मुखिया है और वो दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके है.
कोर्ट में पुलिस ने ज़मानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा है कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन की अंतरिम ज़मानत की मांग का विरोध किया दिल्ली पुलिस की ओर से ASG चेतन शर्मा की दलील कि नाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. जेल से भी ताहिर हुसैन नामांकन दाखिल कर सकता है. ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप बेहद गम्भीर है. यह एक IB ऑफिसर के मर्डर केस का केस है. IB अफसर अंकित शर्मा की जघन्य हत्या हुई थी, ट्रायल बहुत अहम स्टेज पर है. ज़मानत मिलने की सूरत में गवाहो को प्रभावित किया जा सकता है. 4 गवाह पहले भी मुकर चुके है.
बीते दिन ताहिर हुसैन ने अदालत से मांग किया कि वह 2020 से जेल में बंद है, ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेने के लिए उसे जमानत की जरूरत है ताकि वह हलफनामा के माध्यम से अपनी संपत्ति की सही जानकारी दे सके.