नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के एक और जज Justice Amit Sharma ने भी दिल्ली दंगों के आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
दिल्ली दंगो के आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा ने Delhi High Court में याचिका दायर कर केस से जुड़ी "संवेदनशील" और "गोपनीय" जानकारी जो कि दिल्ली पुलिस द्वारा लीक की गयी को हटाने के लिए मीडिया को निर्देश देने की मांग की गई है.
जस्टिस अमित शर्मा इस याचिका पर सुनवाई से अलग होने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के दूसरे जज है, जस्टिस अमित शर्मा के समक्ष मामला सुनवाई के लिए आने पर उन्होने इससे खुद को अलग करते हुए दूसरे जज की पीठ के समक्ष रखने के निर्देश दिए.
जस्टिस शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि मुख्य न्यायाधीश से निर्देश प्राप्त करने के अधीन रखते हुए इसे 24 अप्रैल को सुनवाई के लिए अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए.
इससे पूर्व मंगलवार को भी सुनवाई के समय जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने खुद को अलग कर दिया था. मंगलवार को जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) द्वारा एक हस्तक्षेप आवेदन दायर करने के बाद मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.
जस्टिस भंभानी इस मामले की लगातार सुनवाई कर रहे थे, लेकिन एनबीडीए द्वारा अर्जी दायर करने के बाद उन्होने ये निर्णय लिया.
आसिफ इकबाल तन्हा ने अगस्त 2020 में यह याचिका दायर की थी जब मीडिया पर तन्हा के बयानों को "खुलासा बयान" के जरिए प्रसारित किया जाने लगा.
याचिका में दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया गया कि उसके द्वारा पेश कि गयी चार्जशीट के तथ्य पहले से ही मीडिया रिपोर्ट के जरिए प्रसारित किए गए है.
तनहा ने यह कहते हुए अदालत का रुख किया कि सूचना दिल्ली पुलिस द्वारा लीक की गई थी और इस प्रकार उस अधिकारी के कदाचार की जांच की जानी चाहिए जिसने मीडिया पर लीक किया था. तन्हा की याचिका में कहा गयाा कि इस तरह की सामग्री लीक कर जज और जनता के बीच पूर्वाग्रह पैदा किया गया.