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अब Google से क्या गलती हुई! Delhi High Court ने लगाया 1 लाख का जुर्माना

मैनेजिंग इंस्टेंट मैसेजिंग पेटेंट को लेकर गूगल की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. आखिर गूगल जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी ने क्या गलती की जिससे यह जुर्माना लगा....

Written by My Lord Team |Published : April 3, 2024 11:22 AM IST

Fine 1 Lakh on Google:  मंगलवार (02 अप्रैल 2024) के दिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरराष्ट्रीय कंपनी गूगल पर एक लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. गूगल पर यह जुर्माना पेटेंट से जुड़ी जानकारी छिपाने के चलते लगा है. गूगल ने उच्च न्यायालय में याचिका कर असिस्टेंट कंट्रोलर ऑफ पेटेंट एंड डिजाइन के फैसले को चुनौती दी थी. असिस्टेंट कंट्रोलर ने गूगल को ‘मैनेजिंग इंस्टेंट मैसेजिंग सेशन ऑन मल्टीपल डिवाइस’ नामक पेटेंट देने से मना किया था. असिस्टेंट कंट्रोलर द्वारा पेंटेंट नहीं देने के फैसले को गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय  ने गूगल की याचिका तो खारिज की ही, साथ ही एक लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है. यह केस गूगल एलएलसी वर्सेस कंट्रोलर ऑफ पेटेंट हैं.[ Google LLC v. The Controller of Patents]

Google ने दी गलत जानकारी

गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी. असिस्टेंट कंट्रोलर के फैसले को चुनौती देते हुए पेटेंट की मांग की. गूगल की इस याचिका को जस्टिस प्रतिभा एम सिंह की एकल बेंच के सामने पेश किया गया. 

बेंच ने सुनवाई की. गूगल की याचिका में कई खामियां मिली जिसमें गूगल ने गलत जानकारी देने के साथ-साथ यूरोपियन पेटेंट ऑफिस द्वारा भी इस पेटेंट की मांग को खारिज करने की बात छिपाई. 

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बेंच ने कहा. गूगल ने बताया है यूरोपियन पेटेंट ऑफिस (EPO) ने उसकी मांग पर सुनवाई नहीं की है. जबकि रिकार्ड की जांच करने से पता चला कि EPO ने गूगल की याचिका खारिज कर दी है.

गूगल ने किस चीज के लिए मांगा पेटेंट ?

एक यूजर्स अपने अलग-अलग डिवाइस पर लगातार मैसेजिग सुविधा जारी रख सके. जैसे व्हॉट्सएप का मोबाइल और पीसी पर साथ-साथ चलना, यूजर्स दोनों जगह से अपनी चैट जारी रख सकते हैं. 

गूगल ने इस फीचर के पेटेंट की मांग की. पेटेंट का नाम ‘मैनेजिंग इंस्टेंट मैसेजिंग सेशन ऑन मल्टीपल डिवाइस’ है. गूगल ने कहा कि अगर यूजर्स दोनों डिवाइस में लॉग-इन है, और यूजर्स किसी एक डिवाइस पर सक्रिय है, तो दूसरे डिवाइस (अपने पीसी) पर मैसेज जाने को कंट्रोल भी कर सकता है.

असिस्टेंट कंट्रोलर ऑफ पेटेंट ने खारिज की मांग

असिस्टेंट कंट्रोलर ऑफ पेटेंट एंड डिजाइन ने गूगल की याचिका खारिज की. कंट्रोलर ने यह फैसला इस पेटेंट में कोई यूनिक खोज या इनोवेशन नहीं पाया. और पेटेंट एक्ट के सेक्शन 15 के तहत गूगल की याचिका खारिज कर दी. 

गूगल ने असिस्टेंट कंट्रोलर ऑफ पेटेंट के फैसले को बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (Intellectual Property Appellate Board-IPAB) के सामने भी चुनौती दी थी. बोर्ड ने भी गूगल की याचिका खारिज कर दी जिसके बाद गूगल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.