दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ किया कि जब तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार सार्वजनिक संपत्ति से सभी पोस्टर,पैम्फलेट और होर्डिंग नहीं हटा लेते तब तक चुनाव परिणाम की घोषणा नहीं होगी. कोर्ट ने कहा कि जब तक सार्वजनिक संपत्ति को फिर से ठीक नहीं किया जाता, तब तक दिल्ली विश्वविद्यालय रिजल्ट की घोषणा नहीं करेगी.
दिल्ली हाईकोर्ट में मनोनीत चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गोडेला की खंडपीठ ने साफ किया कि पोस्टर को हटाने में MCD /DMRC के हुए खर्च का भुगतान पहले दिल्ली विश्वविद्यालय करेगा. दिल्ली विश्वविद्यालय इसके लिए जिम्मेदार उम्मीदवारों से पैसा वसूलेगा. DUSU चुनाव के लिए मतदान कल से शुरु होने वाला है. कोर्ट ने हालांकि मतदान पर रोक नहीं लगाई, कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि वो सुनिश्चित करें कि ईवीएम और बैलट बॉक्स को सुरक्षित रखा जाए.
वहीं चुनाव प्रचार में बेहिसाब पैसे की खर्च करने पर हाईकोर्ट ने वीसी को निर्देश दिया कि चुनाव प्रचार में हो रहे खर्चों पर रोक लगाए. अदालत ने आगे कहा कि चुनाव छात्रों के जरिए करप्शन करने के लिए नहीं है, जैसा कि होता दिख रहा है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने विश्वविद्यालय को चुनाव रद्द करने व जिम्मेदार छात्रों के प्रति कठोर कार्रवाई करने के निर्देश देने पर विचार करने को कहा. अदालत ने ये भी जब तक कि इन जगहों की सफाई नहीं हो जाती तब तक चुनाव पर रोक लगा दें या वोटिंग कराने की स्थिति में रिजल्ट को साफ-सफाई के बाद में घोषित करें.
सुनवाई के दौरान अदालत ने कचरे की सफाई में आनेवाले खर्चों के बारे में पूछा, जिस पर याचिकाकर्ता वकील प्रशांत मनचंदा ने बताया कि इसमें करोड़ो रूपये की लागत आती है और साफ-सफाई में करने में साल भर का समय लगता है.