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उन्नाव रेप केस में BJP से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर को Delhi HC से मिली अंतरिम जमानत

उन्नाव रेप कांड (Unnao Rape Case) में दोषी रहे, बीजेपी (BJP) से निष्कासित और पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को जमानत मिल गई है.

Written by My Lord Team |Published : January 16, 2023 10:10 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मुक्ता गुप्ता और पूनम बंबा की दो-सदस्यीय बेंच ने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए कुलदीप सेंगर को दी अंतरिम जमानत. भाजपा (BJP) के निष्कासित नेता कुलदीप सेंगर, 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.

उनको 16 दिसंबर 2019 को सत्र न्यायलय (Sessions Court) द्वारा भारतीय दंड सहिंता की धारा 376(2) का दोषी पाया गया था, जिसके बाद उन्हें 20 दिसंबर 2019 को उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई और 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. (सत्र न्यायालय) के इस निर्णय के खिलाफ कुलदीप सेंगर ने दिल्ली HC में अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई अभी लंबित (Pending) चल रही है.

8 फरवरी को है बेटी की शादी

अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए कुलदीप सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सीबीआई (CBI) को 16 जनवरी तक सेंगर की याचिका के तथ्यों को सत्यापित करके, एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे.

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सीबीआई (CBI) ने आज स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) प्रस्तुत की, जिसको संज्ञान में लेते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को अंतरिम जमानत दी और 27 जनवरी से 10 फरवरी (15 days) तक उनकी सजा को निलंबित कर दिया है.

हाई कोर्ट द्वारा सेंगर पर कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं. इन शर्तों के तहत उन्हें अपनी रिहाई की अवधि के दौरान रोज़ाना संबंधित एसएचओ (SHO) को रिपोर्ट करना होगा और साथ-ही-साथ, उनको एक लाख रुपये की दो प्रतिभू (Sureties) भी जमा करने का आदेश दिया गया है.

क्या होती है अंतरिम जमानत

अंतरिम जमानत, ऐसी जमानत है जो किसी आरोपी को एक अस्थायी अवधि के लिए दी जाती है. यह आम तौर पर तब दी जाती जब उस आरोपी द्वारा दायर किया गया, अग्रिम जमानत या नियमित जमानत या कोई अन्य आवेदन न्यायालय के समक्ष लंबित पड़ा हो. जमानत देते समय न्यायालय आरोपी पर कुछ शर्त लगा सकता है, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा.

भारतीय न्यायालयों के निर्णयों को ध्यान में लें तो परिवार के सदस्य की शादी, परिवार के सदस्य की मृत्यु, परिवार के किसी सदस्य की गंभीर बीमारी या किसी अन्य स्थिति जिसमें कैदी की उपस्थिति अनिवार्य है, ऐसी परिस्थितियों में आम तौर पर न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दी जाती है.

इसलिए दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने देने के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी है.