Land For Job Scam: मंगलवार के दिन यानि की आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू यादव को समन जारी कर मुकदमे की अगली सुनवाई में हाजिर रहने को कहा है. साथ ही अदालत ने हेमा यादव, तेजप्रताप यादव सहित बाकी आरोपियों को समन जारी कर मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं. राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले मे दाखिल चार्जशीट में नामित सभी आरोपियों को समन जारी किया है, जिसमे लालू यादव, तेजस्वी, तेजप्रताप , राबडी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव समेत सभी आरोपियों को समन जारी किया है. अंति व फाइनल चार्जशीट मे आरोपी बनाए गए लालू के सचिव भोला यादव और पूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता को भी समन जारी किया है. बता दें कि इस मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच पूरी कर आरोप पत्र दायर की जा चुकी है. अदालत पर इस मामले में अब फ्रेमिंगऑफ चार्जेस यानि आरोप तय करेगी.
इससे पहले, शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था. विशेष जज विशाल गोगने को उसी दिन निर्णय देना था, लेकिन सीबीआई की ओर से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देने के बाद सुनवाई को टाल दिया था. सीबीआई ने अदालत को बताया था कि इस मामले में तीन अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई हैं, लेकिन सभी में एक ही मूल षड्यंत्र को उजागर किया गया है और इनमें कई सामान्य आरोपी और गवाह हैं. ऐसे में पूरे मामले की सुनवाई एक ही मुकदमे के रूप में होनी चाहिए. जिस पर अदालत ने इस दलील को दर्ज करते हुए सुनवाई 25 फरवरी को तय की, जिसमें चार्जशीट पर संज्ञान लेने और आगे की कार्यवाही पर निर्णय होगा
सीबीआई ने अदालत को यह भी जानकारी दी कि उन्हें लोक सेवक आरके महाजन के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए आवश्यक स्वीकृति मिल गई है. इससे पहले, 16 जनवरी को अदालत ने कहा था कि यदि 30 जनवरी तक महाजन के खिलाफ स्वीकृति नहीं मिलती है, तो सक्षम अधिकारी को इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा.
मामला पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों से उनके परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी और इसके बदले में उन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं. सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब तक 30 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है.
(खबर एजेंसी इनपुट पर आधारित है)